ढण्डारी अपहरण, बलात्कार व क़त्ल काण्ड-2014 की पीडि़ता शहनाज़ की तीसरी बरसी पर श्रद्धांजलि समागम

बिगुल संवाददाता

ढण्डारी अपहरण, बलात्कार व क़त्ल काण्ड की पीडि़ता शहनाज़ की तीसरी बरसी पर 24 दिसम्बर 2017 को ढण्डारी बलात्कार व क़त्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी द्वारा ढण्डारी, लुधियाना में श्रद्धांजलि समागम किया गया। श्रद्धांजलि समागम में शामिल लोगों ने शहनाज़ को इंसाफ़ दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि बलात्कारी गुण्डा गिरोह के ख़िलाफ़ शहनाज़ के न्यायपूर्ण संघर्ष को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। श्रद्धांजलि समागम को विभिन्न जनसंगठनों के प्रतिनिधियों व शहनाज़ के पिता ने सम्बोधित किया। क्रान्तिकारी सांस्कृतिक मंच ‘दस्तक’ द्वारा जुझारू गीत पेश किये गये। जनचेतना द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी भी लगायी गयी।

कारख़ाना मज़दूर यूनियन, पंजाब; टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब; स्त्री मज़दूर संगठन, पंजाब स्टूडेण्ट्स यूनियन (ललकार); नौजवान भारत सभा व बिगुल मज़दूर दस्ता संगठनों द्वारा गठित ‘ढण्डारी बलात्कार व क़त्ल काण्ड विरोधी संघर्ष कमेटी’ द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि समागम में विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने कहा कि शहनाज़ दमन-उत्पीडऩ की शिकार सभी स्त्रियों और साधारण जनता के सामने संघर्ष का प्रतीक है। बलात्कार, अपहरण, छेड़छाड़ जैसे जुल्मों का शिकार अधिकतर स्त्रियाँ व उनके परिवार इन घटनाओं को सामाजिक बदनामी, मारपीट, जान गँवाने, न्याय की नाउम्मीदी आदि कारणों के चलते छिपा जाते हैं। लेकिन बहादुर शहनाज़ और उसके परिवार ने ऐसा नहीं किया। शहनाज़ ने लड़ाई लड़ी और वह लड़ते-लड़ते मौत को गले लगा गयी। वह जुल्म के सामने घुटने न टेकने की मिसाल क़ायम करके गयी है। उसे हमेशा याद रखना होगा। वक्ताओं ने कहा कि स्त्रियों को भयानक जुल्मों का सामना करना पड़ रहा है। स्त्रियों को इसके ख़िलाफ़ एकजुट होना होगा। हर इंसाफ़पसन्द व्यक्ति को इस संघर्ष में शामिल होना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को स्त्रियों सहित सभी आम लोगों की सुरक्षा, दमन-जुल्म से छुटकारे के लिए सरकारी व्यवस्था से कोई उम्मीद न करके एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों को गुण्डा-पुलिस-राजनीति के नापाक गँठजोड़ के ख़िलाफ़ जुझारू जनान्दोलन सगंठित करना होगा।

शहनाज़ को 4 दिसम्बर 2014 को एक गुण्डा गिरोह ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जला डाला था। इससे पहले शहनाज़ को 25 अक्टूबर 2014 को अगवा करके दो दिन तक सामूहिक बलात्कार किया गया था। राजनीतिक सरपरस्ती में पलने वाले इस गुण्डा गिरोह के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में पुलिस ने बेहद ढिलाई बरती, पीडि़तों की ढंग से सुनवाई नहीं की गयी, रिपोर्ट लिखने और मेडिकल करवाने में देरी की गयी। बलात्कार व अगवा करने के दोषी 18 दिन बाद जमानत करवाने में कामयाब हो गये। गुण्डा गिरोह ने शहनाज़ और उसके परिवार को केस वापिस लेने के लिए डराया, जान से मारने की धमकियाँ दीं। 4 दिसम्बर को दिन-दिहाड़े सात गुण्डों ने उसे मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। 9 दिसम्बर को उसकी मौत हो गयी। गुण्डा गिरोह के इस अपराध व गुण्डा-सियासी-पुलिस-प्रशासनिक नापाक गँठजोड़ के ख़िलाफ़ हज़ारों लोगों द्वारा ‘संघर्ष कमेटी’ के नेतृत्व में विशाल जुझारू संघर्ष लड़ा गया था। जनदबाव के चलते दोषियों को सज़ा की उम्मीद बँधी हुई है। क़त्ल काण्ड के सात दोषी जेल में बन्द हैं। अदालत में केस चल रहा है। पुलिस द्वारा एफ़आईआर दर्ज करने में की गयी गड़बड़ि‍यों के चलते अगवा व बलात्कार का एक दोषी जमानत पर आज़ाद घूम रहा है। इन बलात्कारियों व कातिलों को फाँसी की सज़ा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

सभा को ‘संघर्ष कमेटी’ के संयोजक व कारख़ाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविन्दर; टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर; स्त्री मज़दूर संगठन की बलजीत; मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज़ यूनियन के अध्यक्ष हरजिन्दर सिंह, नौजवान भारत सभा के सतपाल व कर्मजीत, मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान के नेता सुरिन्दर सिंह, डेमोक्रेटिक लॉयर्ज़ ऐसोसिएशन के नेता एडवोकेट हरप्रीत जीरख, शहनाज़ के पिता मुहम्मद इलियास, पीप्लज़ मीडिया लिंक के रेक्टर कथूरिया आदि ने सम्बोधित किया।

मज़दूर बिगुल, जनवरी 2018


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments