काकोरी के शहीदों की याद में ‘अवामी एकता मार्च’

बिगुल संवाददाता

दिल्ली। नौजवान भारत सभा, दिशा छात्र संगठन और बिगुल मजदूर दस्ता की ओर से काकोरी के शहीदों की याद में करावल नगर में ‘अवामी एकता मार्च’ निकाला गया। सैकड़ों मजदूरों और नौजवानों ने शहीदों की स्मृति में जुटान किया। मार्च की शुरुआत सुबह नौ बजे शहीद भगतसिंह पुस्तकालय, मुकुन्द विहार से की गयी। मार्च में नौजवान के हाथ में काकोरी के शहीदों की तस्वीरें और नारें लिखी तख्तियां थी। छात्रें, नौजवानों और मजदूरों ने ‘अशफाकउल्ला बिस्मिल का पैगाम-जारी रखना है संग्राम’, ‘अशफाकउल्ला बिस्मिल की दोस्ती अमर रहे अमर रहे’, ‘शहीदों का सपना आज भी अधूरा – छात्र और नौजवान उसे करेंगे पूरा’ आदि नारे लगा रहे थे। इस मार्च में उपरोक्त संगठनों द्वारा पर्चा निकाला गया जिसका शीर्षक था ‘जाति-धर्म के झगड़े छोड़ो – सही लड़ाई से नाता जोड़ो’।

मार्च के दौरान करावल नगर के शहीद भगतसिंह कॉलोनी, पश्चिम करावल नगर में की गई नुक्कड़ सभाओं में नौजवान भारत सभा के प्रेमप्रकाश ने कहा कि देश के हुक्मरान आये दिन मेहनतकशों को धर्म-जाति के नाम पर बांट रहे हैं। ऐसे में अशफाक, बिस्मिल, रोशन सिंह, राजेन्द्र सिंह लाहिड़ी की शहादत को याद करने का एक ही मकसद है कि सच्ची आज़ादी के लिए नये सिरे से एकजुट होकर जंग छेड़ी जाये। नौजवान और मज़दूर सच्ची आजादी के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।

दिशा छात्र संगठन के कुणाल ने कहा कि अपनी बदहाली और तंगहाली को दूर करने के लिए फिर से अपने शहीदों को याद करना होगा जिन्होंने मजहब की दीवार को तोड़कर अवाम की मुक्ति के इंकलाब की शुरुआत की थी। अवामी एकता मार्च पश्चिम करावल नगर, मक्खन सिंह मार्किट से होते हुए मुकुन्द विहार में समाप्त हुआ। अवामी एकता मार्च को देर शाम मुस्तफाबाद इलाके में चलाया गया। जिसमें मार्च के संयोजक योगेश ने कहा कि काकोरी के शहीदों का सपना था देश की मेहनतकश आबादी अपनी महजब, जात की दीवार गिरकर मुट्ठी भर लुटेरों के खिलाफ एकजुट हो। यही बिस्मिल और अशफाकउल्ला का सन्देश है।

मज़दूर बिगुल, जनवरी 2011


 

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