गोरखपुर मज़दूर आन्दोलन के पक्ष में अभियान का समर्थन देने वाले कुछ प्रमुख व्यक्तियों के सन्देश।

हमें फोन, एसएमएस, ईमेल आदि से और भी बहुत से सन्देश मिले लेकिन आन्दोलन की आपाधापी में उन सबको सहेजना मुश्किल था। – गोरखपुर मज़दूर आन्दोलन समर्थक नागरिक मोर्चा

शाबाश!!! यह एकता की जीत है। “एकता से सफलता हासिल होती है, विभाजन से असफलता।” शुभकामनाएँ।

– पास्कल तिर्की,

सामाजिक कार्यकर्ता, दिल्ली

मुबारक हो!

– कामायनी बाली-महाबल, वकील, मुम्बई

मज़दूरों को इस सफल संघर्ष के लिए बधाइयाँ!

– आनन्द पटवर्धन,

फ़ि‍ल्मकार, मुम्बई

धन्यवाद और सभी को बधाई!

– जया विन्ध्याला,

अध्यक्ष पीयूसीएल, आन्ध्र प्रदेश

शुभकामनाएँ, ज़िन्दाबाद!

– यू रॉय

लाल सलाम!

– गौतम नवलखा, पीयूडीआर

ज़िन्दाबाद! मुबारक हो!

– इन्दु प्रकाश सिंह, दिल्ली

मुझे यह सुनकर हार्दिक प्रसन्नता हुई। आपके द्वारा भेजी गयी अपील को मैंने कई स्थानीय कार्यकर्ताओं को प्रेषित किया और मैंने स्वयं अधिकारियों को तीन बार फ़ोन किया और उन्हें अपना विरोध जताया। मज़दूरों को विजय की शुभकामनाएँ!

– कावेरी राजारमन इन्दिरा, बंगलोर

यह वाक़ई बहुत बड़ी जीत है। आज तक आन्तरिक जाँच को मालिक का सर्वाधिकार माना जाता रहा है। मज़दूरों ने लड़कर यह हक़ हासिल किया है कि जाँच में स्टाफ़ और मज़दूरों के प्रतिनिधि होंगे। यह मज़दूर संघर्षों के इतिहास में नया मील का पत्थर है। इसका प्रचार किया जाना चाहिए और इसे सिद्धान्त के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए कि हर आन्तरिक जाँच में इसी तरह के जाँचकर्ता हों।

– दिनेश राय द्विवेदी,

वकील (कोटा, राजस्थान)

मज़दूर संघर्षों के लिए एक बड़ी उपलब्धि। कृपया संघर्ष जारी रखें।

– एस. आर. दारापुरी

(आई.पी.एस. सेवानिवृत्त)

सभी साथियों को जीत मुबारक़ हो।

– रोमा,

एनईएफपीएफडब्ल्यू (कैमूर)/ह्यूमन राइट्स लॉ सेण्टर), सोनभद्र

मुबारक़ हो!

– फ़ैज़ा अहमद ख़ान, फ़िल्मकार, मुम्बई

बहुत अच्छे – बधाई!! शुभकामनाएँ!

– विवेक सुन्दरा,

मुम्बई

मज़दूरों की जीत की बधाई और मज़दूर आन्दोलन का समर्थन करने के लिए नागरिक मोर्चा का हार्दिक अभिनन्दन!

– रजनी कान्त मुद्गल, एसएडीईडी

यह उत्तर प्रदेश और भारत के मज़दूर आन्दोलन के लिए वाक़ई एक बड़ी उपलब्धि है। हम आन्दोलन और इसके सामूहिक संकल्प को सलाम करते हैं। मिल मालिक के भाड़े के गुण्डों के हमला करने और मज़दूरों के घायल होने के पन्द्रह दिन के भीतर हासिल हुई यह जीत वास्तव में पूरे देश में मज़दूर आन्दोलनों की शक्ति और गर्व को पुनःस्थापित करती है।

समर्थन में,

– विजयन एमजे

(दिल्ली फ़ोरम)

आप सभी को लाल सलाम।

– ज़ेवियर डायस, संपादक – खान, खनिज और अधिकार, रांची

ख़ुशख़बरी! धन्यवाद।

– गौहर रज़ा,

फिल्मकार, दिल्ली

मुम्बई में गोलीबार बस्ती उजाड़ने के विरुद्ध चले आन्दोलन की एक नेता प्रेरणा गायकवाड़ ने गोरखपुर के मज़दूरों के नाम रिकार्ड कर भेजे गये सन्देश में कहा, “हम अपनी लड़ाई जीत गये हैं लेकिन आपको अब अपनी लड़ाई जारी रखनी होगी। आप अपनी लड़ाई जारी रखें। हम आपके साथ हैं।”

गोलीबार की गणेश कृपा सोसायटी के देवान और फैजा ने कहा, “गणेश कृपा सोसायटी के निवासी कठोर शब्दों में भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा गोरखपुर के मज़दूर आन्दोलन के दमन की निन्दा करते हैं। आप अपनी लड़ाई जारी रखें, जीत आपकी ही होगी।”

हम गोरखपुर के आन्दोलनरत मज़दूरों के साथ हैं!

– सुभाष गौतम,

स्वतन्त्र पत्रकार, दिल्ली

रैडिकल विमेन, ऑस्ट्रेलिया ने गोरखपुर के मज़दूरों का हार्दिक समर्थन करते हुए उ.प्र. के राज्यपाल श्री बी.एल. जोशी और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर मज़दूरों का दमन बन्द करने और उनकी माँगों पर तुरन्त कार्रवाई करने की माँग की।

– डेब्बी ब्रेनन,

रैडिकल विमेन, ऑस्ट्रेलिया

“शोषकों के खि़लाफ़ संघर्ष में मज़दूर वर्ग फौलादी ताक़त बटोरता जाता है और एक दिन उसका सुपरिणाम हमें दिखायी देगा। न्याय की बहाली जल्दी ही होगी और पूँजीवादी क़र्ज़ चुकता हो जायेगा।”

-अमेरिका के एक मज़दूर कार्यकर्ता फ्रैंकेंस्टाइन

 

मज़दूर बिगुल, मई-जून 2011

 


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments