(बिगुल के अप्रैल 2001 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-खबरों आदि को यूनिकोड फॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

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सम्‍पादकीय

आयात-निर्यात नीति 2001-2002 : वाजपेयी सरकार ने मेहनतकश जनता को विनाश की और गहरी खाई में धकेला

अर्थनीति : राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

दैत्‍य का पेट कभी नहीं भरता

फाजिल अनाज भूख-बेकारी की त्रासदी और अंत्‍योदय अन्‍न योजना का नाटक

भारत अल्‍युनिमिनयम कम्‍पनी का सौदा : शासकों की नंगई का एक और नमूना

भ्रष्‍टाचार को मिटाने के लिए पूँजीवादी लूट के निजाम को मिटाना होगा / अरविन्‍द सिंह

मज़दूर आंदोलन की समस्याएं

पश्चिम बंगला में खनन क्षेत्र का निजीकरण : संसदीय वामपंथियों का दुरंगापन

बुर्जुआ जनवाद – दमन तंत्र, पुलिस, न्यायपालिका

13 अप्रैल 1978 पन्‍तनगर : मज़दूर हत्‍याकाण्‍ड की याद तेइस वर्षों बाद / मुकुल

भवानीपुर में बहा लहू धरती में जज्‍ब नहीं होगा / समीर

बलात्‍कारी पुलिस और राज्‍यसत्‍ता का खूंखार पुरूष स्‍वामित्‍ववादी चेहरा / हंसी जोशी

लुधियाना पुलिस-प्रशासन की नजर में सभी किरायेदार अपराधी हैं

लेखमाला

पार्टी की बुनियादी समझदारी (अध्‍याय 2) तीसरी किश्‍त

जनमुक्ति की अमर गाथा : चीनी क्रान्ति की सचित्र कथा (भाग तेरह)

जन्‍मदिवस के अवसर पर – लेनिन के साथ दस महीने – पहली किश्‍त / अल्‍बर्ट रीस विलियम्‍स

कारखाना इलाक़ों से

नये श्रम कानूनों के खिलाफ तराई क्षेत्र में सघन एवं व्‍यापक अभियान

गतिविधि रिपोर्ट

उदारीकरण के एक दशक पर संगोष्ठियों का आयोजन : एकताबद्ध साझा संघर्ष ही एकमात्र विकल्‍प है!

कला-साहित्य

देख फकीरे / मनबहकी लाल

मज़दूरों की कलम से

खून-पसीना हमारा बंगला-गाड़ी उनकी / विक्रम सिंह, हीरालाल पटेल, लुधियाना


 

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मज़दूरों के महान नेता लेनिन

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