गाँव की ग़रीब आबादी के बीच मनरेगा मज़दूर यूनियन की ज़रूरत और ‘क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन’ के अनुभव
पिछले लगभग 6-7 महीनों से हरियाणा के कलायत ब्लॉक के आसपास के गाँवों में रहने वाले मनरेगा मज़दूर संघर्ष कर रहे हैं। उनके संघर्ष की शुरुआत इस बात को लेकर हुई कि मनरेगा विभाग उनके गाँव में रहने वाले सभी मज़दूरों का मनरेगा कार्ड बनाये और मनरेगा के तहत मिलने वाला काम जितना जल्द हो सके शुरू करवाये। क्रान्तिकारी मनरेगा मज़दूर यूनियन के बैनर तले ये मज़दूर अपने संघर्ष को जारी रखे हुए हैं। मनरेगा मज़दूर अपने इस संघर्ष के दौरान कलायत के तीन-चार गाँव में मनरेगा का काम शुरू करवाने में कामयाब भी हुए हैं। मनरेगा मज़दूरों को अपना यह संघर्ष जारी रखने में बहुत सारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी दिक्क़तों का ज़िक्र हम आगे करेंगे।