मोदी सरकार का अन्तिम बजट – जुमलों की भरमार में मेहनतकशों के साथ ठगी का दस्तावेज़
फिर घाटे को इस तरह छिपाये जाने का नतीजा क्या होगा? साधारण जमा-घटा का हिसाब कहता है कि इसका एक ही नतीजा मुमकिन है। भरमाते-ललचाते ऐलानों वाले ‘नक़ली’ बजट का पूरा बदला चुनाव बाद के ‘असली’ बजट में निकाला जायेगा, जिसमें आम लोगों के लिए सुविधाओं पर ख़र्च में भारी कटौती होगी, नये-नये कर लगेंगे, नयी-नयी वसूलियों की योजनाएँ होंगी। ये साल इस देश की मेहनतकश जनता के लिए बहुत भारी होने वाला है। इसकी योजनाएँ अभी से बनकर तैयार हैं। चुनाव बाद मेहनतकश जनता को कैसे बेदर्दी से लूटा जायेगा, उसकी स्कीमें तैयार करने में पूँजीवादी व्यवस्था के प्रबन्धक अभी से जुटे हैं। इनमें से एक स्कीम की ख़बर तो किसी तरह अभी से बाहर आ गयी है। 6 फ़रवरी के बिज़नेस स्टैण्डर्ड के अनुसार चुनाव बाद रेलवे के भाडों में वृद्धि की योजना अभी से ही बनाकर तैयार रखी गयी है।