बुरे दिनों की एक और आहट – बजरंग दल के शस्त्र प्रशिक्षण शिविर
आने वाला समय और भी भयानक होने वाला है। हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथी धार्मिक अल्पसंख्यकों से भी बड़े दुश्मन कम्युनिस्टों, जनवादी कार्यकर्ताओं, तर्कशील व धर्मनिरपेक्ष लोगों आदि को मानते हैं। इसमें ज़रा भी शक नहीं है कि हिन्दुत्व कट्टरपंथी फासीवादी भारत में इन सभी पर हमले की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि यही लोग इनके नापाक मंसूबों की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं। लेकिन स्वाल यह है कि हम इसके मुकाबले की क्या तैयारी कर रहे हैं?






















