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देहाती मज़दूर यूनियन द्वारा 8 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल सफल

संघर्ष की इस छोटी-सी अवधि में ही मज़दूर संगठन का महत्त्व समझने लगे हैं। दूर-दराज के गाँवों से नरेगा के मज़दूर सम्पर्क कर रहे हैं और अपने यहाँ भी संगठन की शाखाएँ खोलने की माँग कर रहे हैं। क्रमिक अनशन में हुई जीत भले ही कितनी ही छोटी क्यों न हो, आज वह इस क्षेत्रा के मज़दूरों के लिए महत्त्वपूर्ण बन गयी है

नरेगा: सरकारी दावों की ज़मीनी हकीकत – एक रिपोर्ट

पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक अतिपिछड़े इलाक़े मर्यादपुर में किये गये देहाती मज़दूर यूनियन और नौजवान भारत सभा द्वारा हाल ही में किये गये एक सर्वेक्षण से यह बात साबित होती है कि नरेगा के तहत कराये गये और दिखाये गये कामों में भ्रष्टाचार इतने नंगे तरीक़े से और इतने बड़े पैमाने पर किया जा रहा है कि यह पूरी योजना गाँव के सम्पन्न और प्रभुत्वशाली तबक़ों की जेब गर्म करने का एक और ज़रियाभर बनकर रह गयी है। साथ ही यह बात भी ज्यादा साफ हो जाती है कि पूँजीवाद अपनी मजबूरियों से गाँव के गरीबों को भरमाने के लिए थोड़ी राहत देकर उनके गुस्से पर पानी के छींटे मारने की कोशिश जरूर करता है लेकिन आखिरकार उसकी इच्छा से परे यह कोशिश भी गरीबों को गोलबंद होने से रोक नहीं पाती है। बल्कि इस क्रम में आम लोग व्यवस्था के गरीब-विरोधी और अन्यायपूर्ण चेहरे को ज्यादा नजदीक से समझने लगते हैं और इन कल्याणकारी योजनाओं के अधिकारों को पाने की लड़ाई उनकी वर्गचेतना की पहली मंजिल बन जाती है।

नरेगा की अनियमितताओं के खिलाफ लड़ाई फैलती जा रही है

देहाती मजदूर यूनियन और नौजवान भारत सभा के नेतृत्व में मर्यादपुर के नरेगा मजदूर और गरीबों द्वारा शुरु किया गया संघर्ष धीरे-धीरे क्षेत्र के दूसरे गाँव में फैलता जा रहा है। दरअसल दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को व्यापक बनाने के लिए जगह-जगह नुक्कड़ सभाएं करनी शुरू कर दी है। इन सभाओं में आम मजदूरों की काफी भागीदारी दिखायी दे रही है। शेखपुर (अलीपुर), लखनौर, ताजपुर, जवाहरपुर गोठाबाड़ी, रामपुर, नेमडाड, कटघरा, लऊआ सात और अनेक दूसरे गाँवों में भी सभाओं में मजदूर भारी संख्या में पहुँचे। उन्होंने खुल कर अपनी समस्याएँ सामने रखी।

मर्यादपुर में देहाती मज़दूर यूनियन एक बार फिर संघर्ष की तैयारी में

राशन कार्ड, मिट्टी के तेल एवं खाद्यान्नों के वितरण में धाँधली की जाँच कर पात्र व्यक्तियों को उचित राशन कार्ड व निर्धारित मात्र में अनाज और मिट्टी के तेल का वितरण सुनिश्चित कराया जाये, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन व निर्बल आवास योजना की धाँधलियों की जाँच कर लोगों को योजना का लाभ दिलवाने के साथ ही इन तमाम धाँधालियों में लिप्त लेखपाल, सचिव को बर्खास्त किया जाये। इसके अलावा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए डीप बोर हैण्ड पम्प लगाये जाये, बन्द पड़े जच्चा- बच्चा केंद्र को चालू कराया जाये, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाये और सार्वजनिक उपयोग की भूमि को निजी कब्ज़े से आज़ाद कराया जाये। माँग-पत्रक में नाली-खड़ंजा-चकरोड की भू-अभिलेखों के अनुसार आम पैमाइश कराने की माँग भी शामिल थी जिससे ग्राम सभा में आये दिन होने वाले विवादों से छुटकारा मिल सके।