देखो देखो!

भारत, सूरज पार्क, बादली, दिल्ली

देखो-देखो गाय कट रही है

हमारे हिंदू धर्म का अपमान हो रहा है

गाय काटने वाले, मुसलमान ही होंगे

वे हमारी गाय काट रहे हैं

चलो हम उनको काटते हैं।

देखो-देखो वहाँ शादी हो रही है

हिंदू लड़का हमारी मुस्लिम लड़की से शादी कर रहा है

ये तो हमारा धर्म भ्रष्ट कर रहा है

इससे पहले कि ये हमारा धर्म भ्रष्ट करें

चलो हम इन्हें नष्ट कर देते हैं।

देखो-देखो वहाँ दंगे हो रहे हैं,

हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे की जान लेने पर तुले हैं

पर ये लड़ किसलिए रहे हैं

ये तो शायद ये भी नहीं जानते।

देखो-देखो वहाँ दंगे खत्म हो गये

नेता लोग वहाँ आये हैं

और कहते हैं

हमें वोट दो, हम आपकी जिंदगी सुधारेंगे

कितने अच्छे नेता लोग हैं ये

हर साल दंगों की बारिश के बाद

ये अपनी वोट की फसल काटने आते हैं।

देखो-देखो मालिक मजदूरों की मेहनत को चुरा रहा है

उसने तो ये देखा ही नहीं

ये मजदूर हिंदू है या मुसलमान

उसको क्या है

उसको तो खून चूसने से मतलब है।

देखो-देखो फैक्टरियों में हड़ताल हो रही है,

जो हक मालिक द्वारा मारे गये

Fascism crushedउन हकों को उससे छीनने के लिए

मजदूर हड़ताल पर बैठे हैं

पर यहाँ एक आश्चर्य की बात है

इसमें न तो कोई हिंदू है

और न ही सिख या मुस्लिम

यहाँ सबका एक ही धर्म है

वो है मेहनतकशों का धर्म

देखो-देखो

मजदूर जाग रहे हैं…

 

मज़दूर बिगुल, नवम्‍बर 2014


 

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