बेटी बचाओ… भाजपाइयों और संघियों से

अजित

भाजपाइयों और संघियों का असल चाल, चेहरा और चरित्र एक बार फिर सामने आया है। इनके संस्कारों को एक बार फिर दुनिया ने देखा है। स्वयं को “बेटियों के रक्षक” बताने वाले ये लोग राजस्थान और मध्य प्रदेश में बेटियों के ख़िलाफ़ मानवता को शर्मसार कर देने वाली हरक़तों को अंजाम देते हुए पकड़े गये हैं। राजस्थान के जोधपुर में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में 17 वर्षीय दलित लड़की के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के लम्पट छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक बलात्कार किया। दूसरा मामला मध्यप्रदेश में सामने आया है। यहाँ दो बहनों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया जिनमें एक लड़की की उम्र 17 वर्ष और दूसरे की 19 वर्ष थी। इसमें पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ़्तार किया है जिनमें से एक स्थानीय भाजपा नेता का बेटा भी है।

इन दोनों घटनाओं में भाजपा और संघ की संलिप्तता कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई सारे बलात्कार के मामलों में “संस्कारी और राष्ट्रवादी” भाजपाइयों का नाम आ चुका है। कठुआ, उन्नाव से लेकर कई और ऐसे बलात्कार के मामले सामने आए जिनमें भाजपा विधायक से लेकर के संघ के लोगों तक को सीधे दोषी के रूप में पाया गया। इसके अलावा आसाराम बापू, राम  रहीम और चिन्मयानन्द जैसे लोगों के साथ भी भाजपाइयों और संघियों का मेलजोल पूरी दुनिया के सामने है। ये सारे ऐसे नाम है जो कि स्वयं बलात्कार के मामले में आरोपी है। अब इन्हीं में से कइयों को भाजपा सरकार सारे नियम-क़ायदे और कानून ताक पर रख कर रिहा कर रही है या पैरोल पर बाहर कर रही है। गुजरात में बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में सज़ा काट रहे बलात्कारियों को न केवल भाजपा सरकार ने रिहा कराया बल्कि हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा उनका जगह-जगह स्वागत भी किया गया।

केन्द्र और राज्यों की भाजपा सरकारें बलात्कारियों की सज़ा माफ़ करके रिहा कराने, उन्हें पेरोल पर जेल से बाहर करने का काम लगातार कर रही हैं। भयंकर स्त्री-विरोधी सोच रखने वाले संघ और भाजपा का बलात्कारियों के साथ गहरा रिश्ता है। बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा रैली निकालना, जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाना तथा उनके जेल से बाहर आने पर फूल-मालाओं से इन घिनौने अपराधियों का स्वागत करना इनकी असल मानसिकता को दर्शाता है। इनकी मानसिकता को भाजपा और संघ के लोगों के बयानों से भी जाना जा सकता है। हरियाणा के भाजपा मुख्यमन्त्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार कहा था कि यदि औरतों को आज़ादी चाहिए तो नंगी घूमें! ऐसा व्यक्ति जिस पार्टी में हो उस पार्टी से स्त्रियों की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जा सकती है? इसके साथ ही कर्नाटक विधानसभा में पोर्न (अश्लील वीडियो) देखते हुए भाजपा के मंत्रियों के पकड़े जाने की बात सबको याद होगी। ऐसी हरक़तें करते हुए भाजपाई कई बार पकड़े जा चुके हैं। आरएसएस के नेता इस तरह की बातें करते रहे हैं कि औरतों का काम पुरुष की सेवा करना तथा “अच्छे” हिन्दू पुत्र पैदा करना ही है। संघियों के गुरु गोलवलकर ने औरतों के बारे में ऐसे घटिया और दकियानूसी विचार अपनी पुस्तकों में लिखे हुए हैं। इन फ़ासिस्टों का प्यारा हिटलर भी औरतों के बारे में ऐसे ही विचार रखता था।

मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ भाजपा के मुख्यमन्त्री बिरेन सिंह की सरकार की खुली शह के साथ दंगाइयों की भीड़ ने जो बर्ताव किया है, उसे कोई संवेदनशील इन्सान न तो भूल सकता है और न ही इन दरिन्दों और उनके सरपरस्तों को कभी माफ़ कर सकता है। सभी जानते हैं कि सत्ता के लिए भाजपा और मोदी-शाह कुछ भी कर सकते हैं और चूँकि हर मोर्चे पर पिछले 9 सालों में मोदी सरकार नाकाम साबित हो चुकी है, उसका मज़दूर-विरोधी व जनता-विरोधी चरित्र लोगों के सामने आ रहा है, इसलिए अब वह साम्प्रदायिक दंगे फैलाने और बाँटने और राज करने की अपनी पुरानी नीति पर अमल कर रही है। हरियाणा के नूँह में हालिया दंगे और उससे पहले से मणिपुर में जारी नरसंहार इसी का परिणाम है।

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे की असलियत आज दिन के उजाले की तरह साफ़ हो गई है। मोदी सरकार के अन्य नारों की तरह यह भी केवल एक जुमला ही साबित हुआ  है। अपने आपको इस नारे का हिमायती बताने वाले इन भाजपाइयों ने स्त्री-विरोधी अपराधों के सारे रिकार्ड तोड़ डाले हैं। अभी हाल ही में महिला पहलवानों के द्वारा भाजपा के नेता बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का मामला हो या गुजरात 2002 के दंगों में बिलकीस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने का मामला, यह बात साफ़ है कि भाजपा सरकार पूरी ताक़त के साथ बलात्कारियों को बचाने में लगी हुई है। ये लोग हिन्दू संस्कृति  की बात करते हैं, संस्कारों की बात करते हैं, मगर इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि इनकी संस्कृति और संस्कार क्या है! यह बात आज हमें गाँठ बाँध लेनी चाहिए कि भाजपा सरकार के सत्ता में रहने से बलात्कारियों का मनोबल बढ़ेगा और ऐसी घटनाएँ भी बढ़ेंगी। भाजपा के शासनकाल में बलात्कार की घटनाएँ लगातार बढ़ी हैं, जबकि बलात्कारियों को सज़ा मिलने की दर लगातार कम हुई है। हमें इन भाजपाइयों से न सिर्फ़ सावधान होना होगा बल्कि इनकी असलियत को और लोगों तक लेकर जाना होगा ताकि इनकी सच्चाई आम जनता तक पहुँचे।

मज़दूर बिगुल, अगस्त 2023


 

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