डॉक्टर के नाम एक मज़दूर का ख़त

जर्मनी के महान कवि बेर्टोल्ट ब्रेष्ट की कविता

चित्र और कविता का अनुवाद: ‘चकमक’ से साभार

हमें मालूम है अपनी बीमारी का कारण
वह एक छोटा-सा शब्द है
जिसे सब जानते हैं
पर कहता कोई नहीं
जब बीमार पड़ते हैं
तो बताया जाता है
सिर्फ़ तुम्हीं (डॉक्टर) हमें बचा सकते हो
जनता के पैसे से बने
बड़े-बड़े मेडिकल कॉलेजों में
खूब सारा पैसा खर्च करके
दस साल तक
डॉक्टरी की शिक्षा पायी है तुमने
तब तो तुम
हमें अवश्य अच्छा कर सकोगे।
क्या सचमुच तुम हमें स्वस्थ
कर सकते हो।
तुम्हारे पास आते हैं जब
बदन पर बचे, चिथड़े खींचकर
कान लगाकर सुनते हो तुम
हमारे नंगे जिस्मों की आवाज़
खोजते हो कारण शरीर के भीतर।
पर अगर
एक नज़र शरीर के चिथड़ों पर डालो
तो वे शायद तुम्हें ज्यादा बता सकेंगे
क्यों घिस-पिट जाते हैं
हमारे शरीर और कपड़े
बस एक ही कारण है दोनों का
वह एक छोटा-सा शब्द है
जिसे सब जानते हैं
पर कहता कोई नहीं।
तुम कहते हो कन्धे का दर्द टीसता है
नमी और सीलन की वजह से
डॉक्टर
तुम्हीं बताओ यह सीलन कहाँ से आई?
बहुत ज्यादा काम
और बहुत कम भोजन ने
दुबला कर दिया है हमें
नुस्खे पर लिखते हो
”और वज़न बढ़ाओ”
यह तो वैसा ही है
दलदली घास से कहो
कि वो खुश्क रहे।

डॉक्टर
तुम्हारे पास कितना वक़्त है
हम जैसों के लिए?
क्या हमें मालूम नहीं
तुम्हारे घर के एक कालीन की कीमत
पाँच हज़ार मरीज़ों से मिली फ़ीस के
बराबर है
बेशक तुम कहोगे
इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं
हमारे घर की दीवार पर
छायी सीलन भी
यही कहानी दोहराती है
हमें मालूम है अपनी बीमारी का कारण
वह एक छोटा-सा शब्द है
जिसे सब जानते हैं
पर कहता कोई नहीं
वह है ”ग़रीबी”।

 

 

 

A Worker’s Speech to a Doctor

Bertolt Brecht

We know what makes us ill.
When we’re ill word says
You’re the one to make us well
For ten years, so we hear
You learned how to heal in elegant schools
Built at the people’s expense
And to get your knowledge
Dispensed a fortune
That means you can make us well.
Can you make us well?
When we visit you
Our clothes are ripped and torn
And you listen all over our naked body.
As to the cause of our illness
A glance at our rags would be more
Revealing. One and the same cause wears out
Our bodies and our clothes.
The pain in our shoulder comes
You say, from the damp; and this is also the cause
Of the patch on the apartment wall.
So tell us then:
Where does the damp come from?
Too much work and too little food
Make us weak and scrawny.
Your prescription says:
Put on more weight.
You might as well tell a fish
Go climb a tree
How much time can you give us?
We see: one carpet in your flat costs
The fees you take from
Five thousand consultations
You’ll no doubt protest
Your innocence. The damp patch
On the wall of our apartments
Tells the same story.

 


 

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