Tag Archives: वजीरपुर

वज़ीरपुर के गरम रोला मज़दूरों का ऐतिहासिक आन्दोलन

वज़ीपुर मज़दूर आन्दोलन के दौरान गरम रोला मज़दूरों ने राज्यसत्ता के इस पूरे चरित्र को भी एक हद तक समझा है। चाहे वह श्रम विभाग हो, पुलिस हो, या अदालतें हों, मज़दूर यह समझ रहे हैं कि पूरी राज्यसत्ता की वास्तविक पक्षधरता क्या है, उसका वर्ग चरित्र क्या है और मज़दूर आन्दोलन केवल क़ानूनी सीमाओं के भीतर रहते हुए ज़्यादा कुछ हासिल नहीं कर सकता है। आन्दोलन के पूरे होने पर हम एक और विस्तृत रपट ‘मज़दूर बिगुल’ में पेश करेंगे और आन्दोलन की सकारात्मक और नकारात्मक शिक्षाओं पर विस्तार से अपनी बात रखेंगे। अभी आन्दोलन जारी है और हम उम्मीद करते हैं कि यह आन्दोलन अपने मुकाम तक पहुँचेगा।

वज़ीरपुर गरम रोला मज़दूर आन्दोलन में ‘इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र’ की घृणित ग़द्दारी और गरम रोला मज़दूरों का माकूल जवाब

इंमके की पूरी अवधारणा ही मार्क्सवाद-लेनिनवाद के मुताबिक ग़लत है। ये अपने आपको मज़दूर वर्ग का “राजनीतिक केन्द्र” बताते रहे हैं। इस पर हमारा शुरू से यह प्रश्न था कि ऐसे ही जनराजनीतिक केन्द्र के तौर पर रूस के कम्युनिस्ट आन्दोलन में एक्सेलरोद ने एक मज़दूर कांग्रेस का प्रस्ताव रखा था। इस पर लेनिन ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी थी और कहा था कि मज़दूरों का एक ही राजनीतिक केन्द्र होता है और वह है पार्टी। इसके अलावा, कोई भी राजनीतिक केन्द्र बनाने का प्रयास पार्टी की सौत को जन्म देगा और विसर्जनवादी धारा को आगे बढ़ायेगा।

गरम रोला कारखाने के मज़दूरों का जन्तर-मन्तर पर विशाल प्रदर्शन

आज वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र के गरम रोला कारखाने के मज़दूरों ने जन्तर-मन्तर पर विशाल प्रदर्शन किया। जन्तर-मन्तर से संसद मार्ग तक 500 की संख्या में मज़दूरों ने रैली निकाली और श्रम मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना ज्ञापन सौंपा। ज्ञात हो कि पिछले बीस दिनों से गरम रोला कारखाने के मज़दूर गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में अपनी माँगों को लेकर हड़ताल पर हैं। गरम रोला एकता समिति के रघुराज ने बताया कि वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में सरेआम श्रम कानूनों का उल्लंघन होता है। लेबर कोर्ट पास में ही नीमड़ी काॅलोनी में है लेकिन ठीक उनकी नाक के नीचे मज़दूरों का शोषण बदस्तूर जारी है। इसलिए मज़दूर इन कारखानों में श्रम कानूनों को लागू करवाने की अपनी माँग को लेकर हड़ताल पर हैं। वजीरपुर का यह वही औद्योगिक क्षेत्र है जहाँ लोहे को पिघला कर स्टेनलेस स्टील बनायी जाती है। बेहद खतरनाक और जोखिम भरे माहौल में मज़दूरों को बारह से चौदह घण्टे खटना पड़ता है। यहाँ न तो कोई न्यूनतम मज़दूरी दी जाती है और न ही किसी तरह की कोई सुरक्षा है। आए दिन दुर्घटनायें होती रहती हैं।

हज़ारों मज़दूरों ने निकाली विशाल रैली, तोड़-फोड़ करने वाले तत्वों को खदेड़ा, और की सामुदायिक रसोई की शुरुआत की घोषणा

आज दिनांक 20 जून 2014 को, गरम रोला मजदूर एकता समिति के नेतृत्‍व में जारी हड़ताल के 15वें दिन करीब 3 हज़ार मजदूरों ने श्रीराम चौक पर सुबह 9 बजे इकट्ठा होकर पूरे वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में रैली निकाल कर अपनी एकजुटता और जुझारूपन का परिचय दिया| रैली में लगभग 3000 मज़दूरों ने भाग लिया| इनमें गरम रोला एवं ठंडा रोला में काम करने वाले मज़दूर, तपाई का काम करने वाले मज़दूर और तेजाब का काम करने वाले सभी मज़दूर शामिल थे| इसके बाद, प्रत्येक दिन की भांति सभी मजदूर वजीरपुर के राजा पार्क में आगे की सभा चलाने के लिए एकत्रित हुए जहाँ हड़ताल में शामिल सभी मज़दूरों ने अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने का दृढ़ निश्चय लिया|

वज़ीरपुर के गरम रोला के मज़दूरों की जुझारू हड़ताल नौवें दिन भी जारी

मज़दूरों के दबाव के कारण आज श्रम विभाग की तरफ से गरम रोला के सभी 26 कारखानों के मालिकों को गरम रोला मज़दूर एकता समिति के प्रतिनिधिमण्डल के साथ वार्ता के लिए बुलाया गया था, किन्तु कारखाना मालिक तो कोई नहीं पहुँचा लेकिन उन्होंने अपने एक मैनेजर को भेज दिया जिसे श्रम विभाग ने बैरंग लौटा दिया। उन्होनें आगे कहा कि भले ही मालिक आज समझौते की टेबल पर आने के लिए तैयार न हों किन्तु देर-सबेर उन्हें मज़दूरों की जायज कानूनी मांगों को मानना ही पड़ेगा।

गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्‍व में वज़ीरपुर के मज़दूरों की हड़ताल आठवें दिन भी जारी

दिल्ली के वज़ीरपुर औद्योगिक इलाके के 26 गरम रोला कारखानों के करीब 1600 मज़दूर विगत 6 जून से हड़ताल पर हैं। मज़दूरों की मांग है कि सभी श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाये। वज़ीरपुर में स्टील की बहुत बड़ी इण्डस्ट्री है। यहां पर लोहे को पिघलाकर और ढालकर बर्तन और स्टील का अन्य सामान बनाया जाता है। काम करने की परिस्थितियां बेहद अमानवीय हैं। लोहा पिघलाने की भट्ठियों के पास खड़े होकर और स्टील की बेहद धारदार पत्तियों के बीच मज़दूरों को काम करना पड़ता है। मज़दूरों को न तो कोई श्रम कानून नसीब होता है और न ही काम करने की जगह पर सुरक्षा का ही कोई इन्तजाम होता है। ऐसे में मज़दूर अपने श्रम अधिकारों को हासिल करने के लिए गरम रोला मज़दूर एकता समिति के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं। यूनियन के अधिकारी रघुराज का कहना है कि पिछले साल 2013 में भी हड़ताल हुई थी जिसमें कुछ चीजें हासिल हुई थी। किन्तु हर साल 1500 रुपये मज़दूरी बढ़ाने और पी एफ , ईएसआई देने से फैक्टरी मालिक मुकर गये। ऐसे में मज़दूरों को फिर से हड़ताल पर उतरना पड़ा।

श्रम-कानूनों को लागू करवाने के लिए वजीरपुर स्टील मज़दूरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी!

वजीरपुर गरम रोला मज़दूरों ने अपनी हड़ताल छठे दिन भी जारी रखी। ज्ञात हो कि औद्योगिक इलाके से सटकर ही निमड़ी कॉलोनी में लेबर कोर्ट है जिसके बावजूद श्रम कानूनों का उल्लंघन धड़ल्ले से किया जाता है। वज़ीरपुर के औद्योगिक इलाके में स्टील का बड़ा उद्योग है जहाँ करीब 600 फैक्टरियां हैं जिनमे आये दिन मज़दूरों के हाथ कटते रहते हैं और कारखानों में बिल्कुल अमानवीय हालत में मज़दूर लगातार मालिकों का मुनाफा बढ़ाते रहते हैं। वजीरपुर में ही भविष्य निधि भवन का दफ्तर है लेकिन शायद ही किसी मज़दूर को पी.एफ. की सुविधा मिलती है। 6 जून को करीब 2000 मज़दूरों ने इलाके में व्यापक रैली निकाल कर अपनी हड़ताल की घोषणा की थी। आज वजीरपुर इंडस्ट्रियल इलाके के ए ब्लॉक, और बी ब्लॉक में जितनी भी स्टील लाईन फैक्टरियां थी उनमें से ज्यादातर बंद रहीं। विकराल रैली से घबराकर मालिकों ने पुलिस को आगे कर दिया परन्तु मज़दूर अपनी रैली शांतिपूर्वक तरीके से चलाते हुए राजा पार्क में पहुंचे जहां फिर से सभा की गयी। इस सभा में करीब 1500 मज़दूरों ने भागीदारी की।

Steel workers strike continue on sixth day for implementation of labour laws

Workers of Wazirpur hot rolling steel plants continued to strike work for the sixth day. It should be noted that despite there being a labour court adjoining the industrial area in Nimri colony, labour laws are being flouted openly here. In the Wazirpur Industrial area, there are about 600 factories for steel production. It is not uncommon for workers here to have their hands bruised or cut during work. They work in extremely inhuman conditions. This is how profit is being accumulated.