बैंक घोटाले, भ्रष्ट मोदी सरकार और पूँजीवाद
लेकिन सिर्फ़ इतना ही नहीं है। एक और क़िस्म का भी फ़्रॉड है जिसे ‘विलफ़ुल डिफ़ॉल्टर’ अर्थात इरादतन ग़बन कर्त्ता कहा जाता है। रिज़र्व बैंक ने क़र्ज़ न चुकाने वालों में भी यह एक ख़ास श्रेणी बनायी है जिसमें बैंक मज़बूरीवश तभी किसी को डालते हैं जब क़र्ज़ लेने वाला ख़ुद ही सुसाइडल क़दम उठाकर उनके सामने और कोई विकल्प न छोड़े। इसका मतलब यह प्रमाणित और जगज़ाहिर हो चुका है कि उसने लिए हुए क़र्ज़ का ग़बन कर लिया, चुकाने की हैसियत है, फिर भी इरादतन नहीं चुकाता।