बैंक कर्ज दबाए बैठे पूंजीपतियों के खिलाफ मोदी सरकार की ‘सख्त’ कार्रवाई!

मुकेश असीम

मोनेट इस्पात पर 11573 करोड़ रुपये कर्ज़ वसूली का मामला दिवालिया अदालत में था। उसने कम्पनी को इस रकम के 22.41% यानी लगभग 2500 करोड़ में जिंदल स्टील को सौंप दिया यानी शेष 77.59% रकम अब बैंक मेहनतकश जनता से वसूल करेंगे, कुछ न्यूनतम बैलेंस आदि पर शुल्क काटकर, कुछ सरकार हमसे जबरन वसूली कर उन्हें देगी।
भक्तों का कुतर्क होगा कि कर्ज़ दबाने वाले से तो कम्पनी छिन गई, तो जान लीजिए कि कर्ज़ दबाने वाला जाजोदिया नये मालिक जिंदल का बहनोई है, यानी 11,500 करोड़ कर्ज़ में से चौथाई रकम जमा कर यह परिवार पूरी कर्ज़ मुक्त कम्पनी का मालिक बन गया है। 
ए्‍क तरह से ग़रीब लोगों से 9000 करोड़ रुपये जबरन छीनकर जिंदल और जाजोदिया को दिया गया है। 
पूंजीवादी ‘जनतंत्र’ के सारे नियम क़ानूनों के ‘न्याय’ का सार यही है।

मज़दूर बिगुल, अगस्‍त 2018


 

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