औद्योगिक कचरे से दोआबा क्षेत्र का भूजल और नदियाँ हुईं ज़हरीली
देश के विभिन्न हिस्सों में फैले सभी औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक कचरा यूँ ही बिना किसी ट्रीटमेण्ट या रिसाइक्लिंग के आसपास की नदियों या जलाशयों में छोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पूँजीपति ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफ़े के लक्ष्य की सनक में इतने डूबे रहते हैं कि कारख़ाने के भीतर श्रम क़ानूनों को ताक पर रखकर मज़दूरों की हड्डियाँ निचोड़ने से भी जब उनका जी नहीं भरता तो वे कचरे के ट्रीटमेण्ट में लगने वाले ख़र्च से बचने के लिए तमाम पर्यावरण सम्बन्धी क़ानूनों और कायदों को ताक पर रखकर ज़हरीले कचरे को आसपास की नदियों अथवा जलाशयों में बिना ट्रीट किये छोड़ देते हैं। यही वजह है कि इस देश की तमाम नदियाँ तेज़ी से परनाले में तब्दील होती जा रही हैं।