महान अक्टू्बर क्रान्ति की जयन्ती पर बिगुल मज़दूर दस्ता द्वारा वज़ीरपुर और गुड़गाँव में कार्यक्रम
1917 की अक्टूबर क्रान्ति के बाद किस तरह मज़दूरों ने अपने आप को सोवियतों में संगठित कर एक ऐसे समाज का निर्माण किया जहाँ भुखमरी, कुपोषण, बेरोज़गारी, वेश्यावृत्ति जड़ से ख़त्म कर दी गयी, और सबको बराबरी का दर्जा दिया गया। यह सब केवल मज़दूरों-किसानों-मेहनतकशों के राज में ही सम्भव हो पाया। लोगों ने पूरे नाटक को बहुत रुचि से देखा। बिगुल मज़दूर दस्ता की शिवानी ने कहा कि मज़दूरों को आज फिर अपने हालात को बदलने के लिए अक्टूबर क्रान्ति के नए संस्करण रचने होंगे और मज़दूर संघर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास से सबक लेते हुए अपनी लड़ाई की रणनीति तय करनी होगी। मज़दूरों के लिए एक कला प्रदर्शनी भी लगायी गयी जिसमे सोवियत पोस्टरों से लेकर समाजवादी यथार्थवाद से प्रभावित चित्र शामिल थे। वज़ीरपुर के कार्यक्रम में चार्ली चैप्लिन की प्रसिद्ध फ़िल्म ‘मॉडर्न टाइम्स’ भी दिखायी गयी।