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मध्य प्रदेश में रोज़ाना 64 बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश भारत में ग़रीबी रेखा के नीचे सबसे ज़्यादा आबादी वाले 14 राज्यों में शामिल है और सबसे अधिक मृत्यु दर वाले राज्यों में से एक है। यहाँ 1000 के पीछे 52 बच्चों की मौत एक वर्ष की आयु से पहले ही हो जाती है और नवजात बच्चों का वज़न ढाई किलोग्राम से भी कम होता है। भारत में 31 प्रतिशत बच्चों का क़द आयु के अनुसार कम है और 42 प्रतिशत बच्चों का वज़न भी उनकी आयु के मुताबिक़ कम है। भारत के कुल कुपोषित बच्चों में 60 प्रतिशत मध्यप्रदेश और झारखण्ड के हैं।

महान भारत में औरतों के नहाने के लिए बन्द-बाथरूम भी नहीं

एक बहुत चिन्ताजनक बात यह है कि बन्द बाथरूम की ज़रूरत का मुद्दा कभी चर्चा का विषय नहीं बनता। जब लोगों के साथ इस बारे में बात होती है तो उनका कहना होता है कि भले ही नहाने के लिए बन्द जगह की ज़रूरत होती है, लेकिन हमारे पास इस पर ख़र्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। इससे अधिक महत्वपूर्ण ज़रूरतें भी हैं जिन्हें पूरा करना पहल के आधार पर ज़रूरी है।

ग़रीबों की बस्ती ईडब्ल्यूएस कालोनी (लुधियाना) में बुरी रिहायशी परिस्थितियाँ और सरकारी व्यवस्था बेरुख़ी

दुनिया की ख़ूबसूरत इमारतों का निर्माण करने वाले, अपने हाथों से मिट्टी से अनाज, पत्थरों से हीरे तराशने वाले, बंजर ज़मीन को इंसान के रहने लायक बनाने वाले सृजकों के अपने रहने की जगहों की परिस्थितियाँ बहुत भयानक हैं। दुनिया के किसी भी कोने में देख लीजिए हर जगह मज़दूरों-मेहनतकशों के साथ धक्केशाही होती है। दुनिया की ज़रूरतें पूरी करने के लिए दिन-रात एक करके अपनी जान की बाज़ी लगाकर, ख़तरनाक मशीनों पर अपने हाथ-पैर कटाकर काम करने वाले मज़दूर ख़ुद सभी बुनियादी ज़रूरतों से वंचित रह जाते हैं। जिस जगह वे अपने परिवार के साथ समय बिताने व आराम करने के लिए रहे हैं वहाँ के हालात शब्दों में बयान नहीं किये जा सकते। ऐसी ही हालत लुधियाना की ईडब्ल्यूएस कालोनी (आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों की कालोनी) की है।

सिर पर छत की ख़ातिर नैतिकता की नीलामी के लिए मजबूर लोग

इस सर्वेक्षण में 2,040 लोगों ने हिस्सा लिया और 28% लोगों ने माना कि वे आर्थिक तंगी के कारण मकान का किराया नहीं दे सकते, इस कारण उनको अपने साथी, दोस्त, मकान मालिक के साथ यौन संबंधों में रहना पङता है। एक और सर्वेक्षण के अनुसार बेघरों के लिए काम करने वाली संस्था होमलैस चैरिटी ने एक रिपोर्ट जारी की कि होमलैस सर्विस इस्तेमाल करने वाले लोगों की ओर से रिपोर्ट की गयी कि वह बेघरी के डर से असहमत यौन संबंध में रहते हैं। इस रिपोर्ट में ना सिर्फ औरतें बल्कि मर्द भी शामिल हैं।