बरगदवा, गोरखपुर में दो कारखानों के मज़दूरों का डेढ़ माह से जारी जुझारू आन्दोलन निर्णायक मुकाम पर
मज़दूर एकदम एकजुट हैं और किसी भी उकसावे में आये बिना धीरज और हौसले के साथ मैदान में डटे हुए हैं। कुछ ही दिन पहले बरगदवा के तीन कारखानों के मज़दूरों की जीत ने उनमें यह भरोसा पैदा किया है कि फौलादी एकजुटता और सूझबूझ के दम पर ही जीत हासिल की जा सकती है। मालिक की अघोषित तालाबन्दी वाले दिन से ही फैक्ट्री गेट पर लगातार 400-500 मज़दूर सुबह-शाम मीटिंग करते हैं। फैक्ट्री में काम करने वाली करीब 25 महिलाएँ पूरे जोश के साथ आन्दोलन के हर कदम में शिरकत कर रही हैं। अपने आन्दोलन से अनेक माँगें मनवाने में कामयाब हुए बरगदाव के तीन कारखानों – अंकुर उद्योग, वी.एन डायर्स धागा मिल एवं कपड़ा मिल के मज़दूर भी अपने संघर्षरत मज़दूर भाइयों के साथ एकजुट हैं और हर मीटिंग, जुलूस और धरने में उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं। मज़दूर आन्दोलन के बिखराव के इस दौर में गोरखपुर के मज़दूरों की यह बढ़ती एकजुटता हर इलाके के मज़दूरों को राह दिखा रही है। अगर मज़दूर अपने बीच पैदा किये गये तरह-तरह के बँटवारों और फूट-बिखराव को दूर करके एकजुट हो गये तो कुछेक आन्दोलनों में तात्कालिक असफलता से भी उनकी हार नहीं होगी। मज़दूरों की व्यापक एकजुटता की ताकत के सामने मालिकों और सरकार को झुकना ही पड़ेगा।