जोतिबा फुले की क्रान्तिकारी विरासत को जानो!
जोतिबा फुले एक ऐसे समय में पैदा हुए जब हमारा देश उपनिवेशवादी और सामन्ती शोषण के जुए तले पिस रहा था। उस समय दलित व स्त्री उत्पीड़न चरमोत्कर्ष पर था। ऐसे दौर में जोतिबा फुले का पूरा जीवन जाति-उन्मूलन और स्त्रियों की शिक्षा व मुक्ति के लिए समर्पित रहा। आज हम एक फ़ासीवादी दौर में जी रहे हैं जब प्रतिक्रियावादी ताकतें पूरे समाज में हावी हैं तथा तर्क और विज्ञान की हत्या करके पाखण्ड और कूपमण्डूकताओं को स्थापित कर रही हैं। स्त्रियों और दलितों के उत्पीड़न की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। शिक्षा कुछ मुट्ठी-भर लोगों की बपौती बनती जा रही है तब जोतिबा फुले की विरासत को याद करना बहुत ज़रूरी हो जाता है