जनवादी अधिकार कर्मियों, कवियों-लेखकों, संस्कृतिकर्मियों, बुद्धिजीवियों के नाम एक अपील
प्रिय साथी,
गोरखपुर में मज़दूरों पर फ़ैक्ट्री मालिकों के गंठजोड़ द्वारा कातिलाना हमले और पूरे प्रशासन द्वारा अंधेरगर्दी करके मालिकों और उनके गुंडों को बचाने की बेशर्म हरकतों के बारे में आपको मीडिया के ज़रिए जानकारी मिली होगी।
आप जानते ही होंगे कि मई दिवस की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर दिल्ली में रैली करने तथा सरकार को मांगपत्रक सौंपने के लिए आये गोरखपुर के मज़दूर लौटकर जैसे ही काम पर गये, अंकुर उद्योग लिमिटेड नामक एक कारख़ाने के मालिक द्वारा बुलाये गुण्डों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं जिससे 19 मज़दूर घायल हो गये। एक मज़दूर की रीढ़ में गोली लगी है और वह ज़िंदगी के लिए जूझ रहा है। यह हमला प्रशासन और पुलिस की पूरी मिलीभगत के साथ सुनियोजित ढंग से किया गया। करीब 50-60 हमलावरों को मज़दूरों ने घंटों तक कारख़ाने में घेरकर रखा था लेकिन उन्हें गिरफ़्तार करने के बहाने पुलिस गुण्डों को निकाल कर ले गयी और उन्हें छोड़ दिया। नामज़द रिपोर्ट के बावजूद गोली चलाने वाले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर प्रदीप सिंह और मिलमालिक अशोक जालान (जो लगातार मौके पर मौजूद था) को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। उल्टे मज़दूर नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाकर गिरफ़्तार करने की साज़िशें जारी हैं।
पिछले 2 वर्ष से इस मज़दूर आन्दोलन को ”माओवादी-आतंकवादी” का लेबल लगाकर बदनाम करने की कोशिशें इस बार और तेज़ हो गयी हैं। यह मुहिम पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में हिंदू फासीवाद के सरगना बने भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ इस मुहिम की खुली सरपरस्ती में चल रही है। बसपा की सरकार होते हुए भी प्रशासन योगी आदित्यनाथ के इशारों पर नाच रहा है। वैसे मायावती सरकार की निरंकुश नीतियों और घनघोर मज़दूर-विरोधी रवैये के बारे में आप जानते ही होंगे।
मज़दूरों और स्थानीय नागरिकों ने आज से गोरखपुर में तीन दिन के जन-अभियान की शुरुआत कर दी है और 8 मई से पूरे शहर में व्यापक जन-असहयोग आंदोलन छेड़ दिया जायेगा। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपने अधिकारों और नागरिक आज़ादी के लिए लड़ रहे मज़दूरों और नागरिकों के साथ मिलकर व्यापक मज़दूर सत्याग्रह शुरू करने के लिए भी मज़दूर कमर कस रहे हैं।
हम आप सबसे इस बर्बर हमले और प्रतिक्रिया के गढ़ में अनगिनत कठिनाइयों का सामना करके खड़े मज़दूर आंदोलन का साथ देने की अपील कर रहे हैं।
आप क्या कर सकते हैं :
– हमारा आग्रह है कि आप उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, श्रम मंत्री, श्रम सचिव और गोरखपुर प्रशासन के अधिकारियों को ईमेल, फैक्स, फोन, पत्र और टेलीग्राम के द्वारा अपना विरोध पत्र भेजें और हस्ताक्षर अभियान चलाकर ज्ञापन दें। ये सभी पते, ईमेल पता, फैक्स नं. आदि साथ संलग्न हैं।
– हमारा आग्रह है कि नागरिक अधिकारकर्मियों की टीमें यहां आकर स्थितियों की जांच-पड़ताल करें, जन-सुनवाई करें, रिपोर्ट तैयार करें और शासन तक न्याय की आवाज़ पहुंचायें।
– हमारा आग्रह है कि आप अपने-अपने शहरों में, विशेष तौर पर, दिल्ली, लखनऊ और उत्तर प्रदेश के शहरों में इस मसले को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित करें।
– दिल्ली, लखनऊ, लुधियाना और देश के अन्य शहरों से साथीगण गोरखपुर आकर इस मज़दूर सत्याग्रह में शामिल होंगे तो हमें और भी बल मिलेगा।
09454400207
Fax: 0522-2223892
Km. Mayawati,
Deepak Kumar Singh
Home Secretary
09454405003
Principal Secretary, Labour
joint secretary
9415159087
09454417500
‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्यता लें!
वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये
पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये
आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये
आर्थिक सहयोग भी करें!
बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।
मज़दूरों के महान नेता लेनिन