देश के विभिन्न राज्यों में ज़ोरों-शोरों से चलाया जा रहा है
‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ अभियान

 बिगुल संवाददाता

देश-भर के नौजवानों के सामने बेरोज़गारी की समस्या आज मुँहबाए खड़ी है। इसकी ज़िम्मेदारी सरकार को लेनी ही होगी। इस मक़सद से ही बसनेगा अभियान का बिगुल फूँका गया है। बसनेगा अभियान की मुख्य माँगों में संविधान में संशोधन करके रोज़गार को मूलभूत अधिकारों में शामिल करने और हर नागरिक को रोज़गार की गारण्टी देने की माँग शामिल हैं। रोज़गार की गारण्टी न दे पाने की सूरत में 10,000 रुपये प्रति माह बेरोज़गारी भत्ता, ठेका प्रथा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने, रिक्त पदों की जल्द से जल्द भर्ती करने आदि की माँगों को लेकर बसनेगा अभियान पूरी सघनता से देश के कई शहरों में चलाया जा रहा है। महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली और हरियाणा में ज़ोर-शोर से जारी बसनेगा अभियान को आम जनता और युवाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

दिल्ली में व्यापक रूप से चलाया जा रहा है बसनेगा अभियान

दिल्ली के वज़ीरपुर औद्योगिक क्षेत्र, बवाना औद्योगिक क्षेत्र, शाहबाद डेरी, करावल नगर, ख़जूरी में सघन रूप से अभियान जारी है। मज़दूर बस्तियों में घर-घर जाकर बसनेगा अभियान से लोगों को जोड़ा जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान चलाकर हस्ताक्षर इकट्ठा किये जा रहे हैं, इसी के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे नुक्कड़ नाटकों और क्रन्तिकारी गीतों के ज़रिये लोगों तक रोज़गार गारण्टी के क़ानून की माँग को लेकर जाया जा रहा हैं। दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में दीवार लेखनी की जा रही है। दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी रोज़ बसों में सफ़र करती है, इसलिए सघन बस अभियान चलाकर व्यापक रूप से परचा वितरण किया जा रहा है और आम नागरिकों-युवाओं-छात्रों से बसनेगा अभियान से जुड़ने का आह्वान किया जा रहा है। बेरोज़गारी की मार वैसे तो देश की समूची आम जनता पर पड़ती है परन्तु बेरोज़गारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित मज़दूर आबादी होती है। नोटेबन्दी और जीएसटी में सबसे ज़्यादा दिल्ली में छोटे उद्योगों में काम करने वाले मज़दूरों पर असर पड़ा है। धीरे-धीरे अब काम पर मज़दूर वापस आ रहे हैं परन्तु ठेका प्रथा, श्रम क़ानूनों का नंगा उल्लंघन जारी है। इस बेहिसाब शोषण, अधिकारों के नंगे हनन, महँगाई और बेरोज़गारी से आम जनता के बीच बेहद आक्रोश है। बसनेगा अभियान के ज़रिये इस असन्तोष और आक्रोश को सकारात्मक शक्ति में तब्दील कर सरकार की जवाबदेही तय करने की मुहीम पूरे जोशो-ख़रोश से जारी है।

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाओं के बीच बसनेगा अभियान

दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के बैनर तले दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी भी 25 मार्च को रामलीला मैदान से संसद तक निकाली जाने वाली रोज़गार अधिकार रैली का हिस्सा होंगी। मोदी सरकार ने 2014 के चुनाव के दौरान आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों को कर्मचारी का दर्ज़ा देने का वायदा किया था। 25 मार्च की रोज़गार अधिकार रैली में दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी सरकार से कर्मचारी के दर्जे़, आँगनवाड़ी के निजीकरण के ख़िलाफ़, पक्के रोज़गार की गारण्टी और न्यूनतम वेतन की माँग को लेकर आवाज़ उठायेंगी। 25 मार्च की रैली की तैयारी सम्बन्धी बैठकें दिल्ली भर के आँगनवाड़ी प्रोजेक्टों में की जा रही हैं। हमदर्द नगर, कंझावला, निहाल विहार, मोलडबन्द, मोती नगर, नबी करीम, सीलमपुर, गीता कॉलोनी, सावदा, करावल नगर, वज़ीरपुर, महरौली, बाघ कारे खान, नज़फ़गढ़, कापसहेड़ा, मंगोलपुरी, मंगोलपुर खुर्द प्रोजेक्टों में हुई बैठकों के अलावा अन्य कई प्रोजेक्टों में पर्चे व पोस्टर के ज़रिये प्रचार-प्रसार का सिलसिला जारी है। इस मुद्दे को लेकर यूनियन की तरफ़ से 25 मार्च की महारैली को सफल बनाने के लिए और दिल्ली की हज़ारों आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों को इस अभियान से जोड़ने के लिए दो आम सभाओं का भी आयोजन किया गया है। ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ की माँग सिर्फ़ नौजवानों-बेरोज़गारों की माँग नहीं है, बल्कि आँगनवाड़ी में काम करने वाली उन महिलाकर्मियों की भी माँग है जिनके रोज़गार की कोई गारण्टी नहीं, जो सरकार के ‘रहमो-करम’ पर जीने को मजबूर हैं, जिनके मानदेय हमेशा महीनों लटकाये जाते हैं। पिछली बार दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को घेरकर आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने मानदेय दुगुना करने के लिए केजरीवाल सरकार को मजबूर कर दिया था। अब मोदी सरकार से पक्के रोज़गार की गारण्टी और कर्मचारी के दर्जे़ की माँग को लेकर दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी बड़ी संख्या में इस रैली का हिस्सा बनने की तैयारी में हैं।

महाराष्ट्र में बसनेगा अभियान

महाराष्ट्र में भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून पारित कराने के लिए मुम्बई, पुणे और अहमदनगर में मुख्य तौर पर अभियान चलाया गया। बसनेगा के तहत मुम्बई में मानखुर्द इलाक़े के लल्लूभाई कम्पाउण्ड, ज़ाकि़र हुसैन नगर, साठे नगर मण्डला, टाटानगर, शिवाजी नगर, बैगन वारी पीएमजीपी कॉलोनी, महाराष्ट्र नगर इलाक़ों में सघन अभियान चलाया गया इसके अलावा मुम्बई विश्वविद्यालय, कोचिंग इंस्टिट्यूट और स्कूल छात्रों की बीच भी यह अभियान चलाया जा रहा है। मानखुर्द के मज़दूर चौक पर बात रखते हुए पर्चे बाँटे गये और हस्ताक्षर जुटाये गये।

पुणे में शैक्षणिक संस्थानों और वारजा मज़दूर नाके पर अभियान चलाया गया। अहमद नगर के सिद्धार्थ नगर न्यू आर्ट्स कॉलेज में कक्षावार अभियान चलाया गया। इसके अलावा दीवार लेखन और दीवारों पर इस अभियान को लेकर  पोस्टरिंग की गयी।

हरियाणा से बसनेगा अभियान की रिपोर्ट

‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ अभियान के तहत हरियाणा के अलग-अलग इलाक़ों में अभियान चलाया गया। नरवाना और आस-पास के गाँवों – कर्मगढ़, धमतान, डवाना खेड़ा, बडनपर, आदि मे डोर-टू-डोर पर्चा वितरण करने से लेकर, नुक्कड़ सभा और गाँव की चौपाल में लोगों को इकट्ठा करके सभाएँ की गयीं। अभियान में लगभग सभी लोगों के हस्ताक्षर करवाये गये। कैथल जि़ले में और आस-पास के गाँव – बालू, जूलानी खेड़ा, वज़ीर खेड़ा, चौशाला, रामगढ़, मटौर, बढ़सीखरी, खरक,  खेड़ी लाम्बा, कोलेखाँ, शिमला और कलायत शहर में भी डोर-टू-डोर पर्चा वितरण से लेकर नुक्कड़ सभा और गाँव की चौपाल में सभाएँ की गयीं। नरवाना, कलायत और पेहवा में कोचिंग सेण्टरों में भी अपनी बात रखी गयी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी बसनेगा के तहत अभियान चलाते हुए कक्षावार बात रखी गयी और विश्वविद्यालय के मैन गेट पर बड़े पैमाने पर पर्चा वितरण किया गया।

‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ पारित कराने हेतु रोहतक, हरियाणा की पहाड़ा मोहल्ला कॉलोनी में घर-घर अभियान चलाया गया। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक के ‘यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी’ (UIET) के सिविल और इलेक्ट्रिकल विभागों में ‘भगतसिंह राष्ट्रीय रोज़गार गारण्टी क़ानून’ पारित कराने के लिए छात्रों के बीच कक्षावार अभियान चलाया गया। बसनेगा अभियान के बारे में बताते हुए व्यापक रूप से पर्चा वितरण किया गया, हस्ताक्षर जुटाये गये। साथ ही 25 मार्च को दिल्ली में रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक होने वाली रोज़गार अधिकार रैली में शामिल होने के लिए छात्रों का आह्वान भी किया गया।

पटना में चलाये गये बसनेगा अभियान की रिपोर्ट

फ़रवरी माह के अन्त से बसनेगा अभियान पटना के विभिन्न इलाक़ों में चलाया जा रहा है। बसनेगा अभियान की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों से की गयी। इस दौरान पटना साइंस कॉलेज, दरभंगा हाउस और वाणिज्य महाविद्यालय में कक्षावार अभियान चलाकर बसनेगा के बारे में छात्रों से बातचीत की गयी। इसके साथ साथ पटना विश्वविद्यालय के हॉस्टलों जैसे सर सी.वी. रमण हॉस्टल, रामानुजम हॉस्टल आदि में भी यह अभियान चलाया गया। पटना के ऐसे इलाक़ों जैसेकि भिखना पहाड़ी, चित्रगुप्त नगर, मुसल्लहपुर हाट, कुर्जी जहाँ छात्रों की बड़ी आबादी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती है, वहाँ भी लगातार बसनेगा अभियान कोचिंग संस्थानों में कक्षावार या नुक्कड़ सभाओं के ज़रिये चलाया गया। इन सबके अतिरिक्त शहर में कई जगहों पर इस अभियान को लेकर वाॅल राइटिंग की गयी।

 

मज़दूर बिगुल, मार्च 2018


 

‘मज़दूर बिगुल’ की सदस्‍यता लें!

 

वार्षिक सदस्यता - 125 रुपये

पाँच वर्ष की सदस्यता - 625 रुपये

आजीवन सदस्यता - 3000 रुपये

   
ऑनलाइन भुगतान के अतिरिक्‍त आप सदस्‍यता राशि मनीआर्डर से भी भेज सकते हैं या सीधे बैंक खाते में जमा करा सकते हैं। मनीऑर्डर के लिए पताः मज़दूर बिगुल, द्वारा जनचेतना, डी-68, निरालानगर, लखनऊ-226020 बैंक खाते का विवरणः Mazdoor Bigul खाता संख्याः 0762002109003787, IFSC: PUNB0185400 पंजाब नेशनल बैंक, निशातगंज शाखा, लखनऊ

आर्थिक सहयोग भी करें!

 
प्रिय पाठको, आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि ‘मज़दूर बिगुल’ लगातार आर्थिक समस्या के बीच ही निकालना होता है और इसे जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की ज़रूरत है। अगर आपको इस अख़बार का प्रकाशन ज़रूरी लगता है तो हम आपसे अपील करेंगे कि आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करके सदस्‍यता के अतिरिक्‍त आर्थिक सहयोग भी करें।
   
 

Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

Related Images:

Comments

comments