भिवाड़ी के संघर्षरत मज़दूर साथियों ने किया घायल मज़दूर कार्यकर्ताओं का गर्मजोशी भरा स्‍वागत
गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति: ‘ऐसे कायराना हमलों से नहीं डरता मज़दूर आंदोलन’

Bhiwadi_7.5.14016 मई, भिवाड़ी, राजस्‍थान. ज्ञात हो कि 5 मई को भिवाड़ी में श्रीराम पिस्‍टन के आन्‍दोलनरत मज़दूरों के समर्थन में ग़ाजि़याबाद के श्रीराम पिस्‍टन के प्‍लाण्‍ट के बाहर पर्चा वितरण कर रहे ‘गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति’ और ‘बिगुल मज़दूर दस्‍ता’ के चार मज़दूर कार्यकर्ताओं पर श्रीराम पिस्‍टन प्रबंधन के भाड़े के गुण्‍डों ने जानलेवा हमला किया था। इस हमले में दो कार्यकर्ताओं तपीश व आनन्‍द के पैर में फ्रैक्‍चर हो गया और साथ ही आनन्‍द के सिर पर भी गहरी चोट आयी है। इसके अतिरिक्‍त, अन्‍य दो कार्यकर्ताओं अखिल व अजय को भी चोटें आयी हैं। आज शाम ‘गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति’ और ‘बिगुल मज़दूर दस्‍ता’ के ये कार्यकर्ता भिवाड़ी में पथरेड़ी-चौपानकी औद्योगिक क्षेत्र में धरने पर बैठे सैकड़ों मज़दूरों के बीच पहुंचे। श्रीराम पिस्‍टन के आन्‍दोलनरत मज़दूर साथियों ने घायल मज़दूर कार्यकर्ताओं का ज़ोरदार स्‍वागत किया और उन्‍हें कंधों पर उठाकर नारे लगाते हुए सभा में लेकर आये।

आंदोलनरत मज़दूरों के नेता श्री हरिकिशन ने मज़दूरों को कल श्रीराम पिस्‍टन के गुण्‍डों द्वारा गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति और बिगुल मज़दूर दस्‍ता के साथियों पर हुए कायराना हमले के बारे में बताया। श्री हरिकिशन ने बताया कि किस प्रकार ये मज़दूर कार्यकर्ता श्रीराम पिस्‍टन भिवाड़ी के मज़दूरों के आंदोलन के लिए श्रीराम पिस्‍टन ग़ाजि़याबाद के मज़दूरों के बीच समर्थन की अपील करते हुए पर्चा बांट रहे थे और उसी बीच प्रबंधन के गुण्‍डों ने पहले बाहर ही इन कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्‍या में घेर कर Bhiwadi_7.5.1403लोहे की रॉडों, लाठियों, डण्‍डों आदि से मारा-पीटा और उसके बाद उन्‍हें ज़बरन खींचकर कारखाने के भीतर ले गये और वहां कई घंटों तक ग़ाजि़याबाद पुलिस की मौजूदगी में मारते-पीटते रहे। इसके बाद उन्‍हें सिहानी गेट पुलिस स्‍टेशन में ले जाया गया जहां गुण्‍डों पर केस दर्ज करने की बजाय बुरी तरह से घायल मज़दूर कार्यकर्ताओं पर ही केस दर्ज करने का प्रयास किया गया जिसे कि तमाम मज़दूर संगठनों और जनवादी अधिकार संगठनों के दबाव से विफल कर दिया गया। लेकिन इस पूरे दौरान घायलों को कोई इलाज या चिकित्‍सा मुहैया नहीं करायी गयी और उन्‍हें भयंकर दर्द में ही छोड़ दिया गया।

इसके बाद श्री हरिकिशन ने ‘बिगुल मज़दूर दस्‍ता’ के तपीश को सभा को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। तपीश ने Bhiwadi_7.5.1402संघर्षरत मज़दूरों का क्रांतिकारी अभिवादन करते हुए कहा कि यह कायराना हमला दिखला रहा है कि भिवाड़ी के मज़दूरों का साहसपूर्ण आंदोलन सही रास्‍ते पर है और साथ ही यह भी दिखला रहा है कि श्रीराम पिस्‍टन के मालिकान, प्रबंधन और उनके तलवे चाटने वाली राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश की सरकारें इस आन्‍दोलन से घबरायी हुई हैं। मालिकान और प्रबंधन पैसे, पुलिस, गुण्‍डों, जजों और हर प्रकार की घटिया और डरपोक तरकीबों का इस्‍तेमाल करके श्रीराम पिस्‍टन के मज़दूरों के आंदोलन को कुचलना चाहते हैं। ऐसे में, मज़दूरों को एकमात्र ताक़त है एकता और यूनियन की ताक़त। तपीश ने कहा कि हमारा आंदोलन एक कारखाने की चौहदि्दयों में कैद रहकर कामयाब नहीं हो सकता। पथरेड़ी चौपानकी से लेकर धारूहेड़ा, बावल, मानेसर और गुड़गांव तक के कारखानों में मज़दूर इन्‍हीं मुद्दों के खिलाफ लड़ रहे हैं। पूंजीपति एक हैं, तो फिर मज़दूर एक क्‍यों नहीं हो सकते?

गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति के अजय अपनी बात रखते हुए

गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति के अजय अपनी बात रखते हुए

इसके बाद ‘गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति’ के अजय ने कहा कि श्रीराम पिस्‍टन के मज़दूरों का गुनाह सिर्फ यह था कि उन्‍होंने यूनियन बनाने के अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करने की हिमाकत की थी। पहले 26 अप्रैल को आंदोलनरत मज़दूरों पर वसुंधरा राजे की सरकार ने पुलिस और गुण्‍डों के मिले-जुले गिरोह से हमला करवाया और उल्‍टे 26 मज़दूरों को ही गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद 5 मई को भिवाड़ी के मज़दूरों के आंदोलन में शामिल ‘गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति’ की उस प्रचार टोली पर उत्‍तर प्रदेश की पुलिस ने श्रीराम पिस्‍टन के मालिकों के गुण्‍डों को हमला करने दिया। यह साफ तौर पर दिखला रहा है कि जब मज़दूरों के जायज़ हक़ों की बात आती है तो राजस्‍थान की भाजपा सरकार और उत्‍तर प्रदेश की सपा सरकार में कोई फर्क नहीं है। इसके पहले होंडा, रिको,मारूति के आंदोलनों के जरिये हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने भी दिखला दिया कि बड़ी-बड़ी कारपोरेट आटोमोबाइल कंपनियों के तलवे चाटने के मामले में वह भाजपा और सपा की सरकारों से पीछे नहीं है। सभी चुनावी पूंजीवादी पार्टियां पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी हैं। सभी पूंजीपति मज़दूरों के खिलाफ एकजुट हैं। उनके पास पैसे और डंडे की ताक़त है। लेकिन अगर राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों ऑटोमोबाइल मज़दूर एकजुट हो जायें तो यह पैसे और बाहुबल की ताक़त भी धूल चाटने लगेगी। 26 अप्रैल और 5 मई का हमला दिखलाता है कि मालिकान और उनके तलवे चाटने वाली सरकारें इसी बात से डरती हैं। अजय ने कहा कि ‘गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति’ श्रीराम पिस्‍टन भिवाड़ी के मज़दूरों के संघर्ष में शामिल है और रहेगी और इस आंदोलन के पक्ष में पूरे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पर्चा वितरण करेगी। जरूरत पड़ी तो श्रीराम पिस्‍टन के केंद्रीय कार्यालय का घेराव भी किया जायेगा जो कि नयी दिल्‍ली में है। साथ ही, इस हमले के विरोध में श्रीराम पिस्‍टन के मालिकों, प्रबंधन, गुण्‍डों और साथ ही गाजियाबाद पुलिस के विरुद्ध मुकदमा किया जायेगा। यह हमला भिवाड़ी के मज़दूरों के आंदोलन पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा। इसके बाद, गुड़गांव मज़दूर संघर्ष समिति और बिगुल मज़दूर दस्‍ता के साथियो ने मज़दूरों के बीच ‘जारी है हड़ताल’ गीत पेश किया।



 

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