ग़रीबों की बस्ती ईडब्ल्यूएस कालोनी (लुधियाना) में बुरी रिहायशी परिस्थितियाँ और सरकारी व्यवस्था बेरुख़ी
दुनिया की ख़ूबसूरत इमारतों का निर्माण करने वाले, अपने हाथों से मिट्टी से अनाज, पत्थरों से हीरे तराशने वाले, बंजर ज़मीन को इंसान के रहने लायक बनाने वाले सृजकों के अपने रहने की जगहों की परिस्थितियाँ बहुत भयानक हैं। दुनिया के किसी भी कोने में देख लीजिए हर जगह मज़दूरों-मेहनतकशों के साथ धक्केशाही होती है। दुनिया की ज़रूरतें पूरी करने के लिए दिन-रात एक करके अपनी जान की बाज़ी लगाकर, ख़तरनाक मशीनों पर अपने हाथ-पैर कटाकर काम करने वाले मज़दूर ख़ुद सभी बुनियादी ज़रूरतों से वंचित रह जाते हैं। जिस जगह वे अपने परिवार के साथ समय बिताने व आराम करने के लिए रहे हैं वहाँ के हालात शब्दों में बयान नहीं किये जा सकते। ऐसी ही हालत लुधियाना की ईडब्ल्यूएस कालोनी (आर्थिक तौर पर कमज़ोर लोगों की कालोनी) की है।