कानपुर में निर्माणाधीन इमारत गिरने से कम से कम 10 मजदूरों की मौत
आये दिन निर्माण कार्य में होने वाली दुर्धटनाओं में मजदूरों की मौतें होती रहती हैं। कभी कांट्रैक्टर की लापरवाही के कारण तो कभी मालिक द्वारा हड़बड़ी में और अवैध तरीके से काम करवाए जाने के कारण। लेकिन मज़दूरों को मुआवजे के नाम पर मिलती है केवल प्रशासन और राजनेताओं के झूठे वादे और दर-दर की ठोकरें। ज़रा सोचिये, अगर कोई हवाई जहाज दुर्घटना हुई होती तो यह मामला कई दिनों तक राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहता और सभी मरने वालों और घायलों के लिए लाखों रुपयों के मुआवजे का ऐलान हो चुका होता। लेकिन इस व्यवस्था में ग़रीबों और मज़दूरों की जान सबसे सस्ती है।