भूख से दम तोड़ते सपने और गोदामों में सड़ता अनाज
हमारे इस ”शाइनिंग इण्डिया” की एक वीभत्स तस्वीर यह भी है कि जिनकी ऑंखों में कल का सपना होना चाहिए, वे केवल भोजन की आस में ही दम तोड़ रहे हैं। इस देश के एक हिस्से में भूख के कारण वयस्क ही नहीं बच्चों की भी जानें जा रही हैं, तो दूसरे हिस्से में गोदामों में रखा अनाज सड़ रहा है और सरकारों के लिए समस्या यह है कि गेहूँ की नयी आमद का भण्डार कहाँ करे! उन्हें भूख से होती मौतों की इतनी चिन्ता नहीं है, जितना वे मालिकों के मुनाफे पर चोट पहुँचने से परेशान हैं।