ऑमैक्स के संघर्षरत मज़दूरों का संघर्ष ज़िंदाबाद !
धारूहेड़ा की ऑमैक्स कम्पनी में पिछले 15-20 सालों से काम कर रहे श्रमिकों को प्रबन्धन ने एक फ़रवरी को अचानक बिना किसी नोटिस के काम से निकाल दिया। कम्पनी प्रबन्धन ने बिना कोई कारण बताये या नोटिस दिये 344 श्रमिकों को एक साथ काम से बाहर कर दिया। यह घटना अपने आप में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कोई नयी बात नहीं है, आये दिन किसी न किसी फ़ैक्टरी-कारख़ाने के मालिक अपने मुनाफ़े को बढ़ाने और मज़दूरों के अधिकारों को कुचलने के लिए मनमर्जी से काम पर रखने और निकालने की चाल अपना रहे हैं। लेकिन ऑमैक्स के मज़दूरों ने चुपचाप बैठकर इस अन्याय को सहने की बजाए इसके ख़िलाफ़ संघर्ष का बिगुल फूँक दिया है।