ऑटोमोबाइल सेक्टर में शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाने वालों की कड़ी में हीरो के मज़दूरों का नाम भी हुआ शामिल!
ऑटोमोबाइल सेक्टर में इस तरह सालों साल ठेके पर काम करवाने और स्थायी करने का समय आते ही नौकरी से निकाल देने की प्रथा बहुत पुरानी और आम बात है। यह नीति किसी एक फ़ैक्टरी या कम्पनी तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे सेक्टर के पोर-पोर में फैली हुई है। इसीलिए इस कुप्रथा से लड़ने के लिए आज पूरे सेक्टर के ठेका मज़दूरों को न सिर्फ़ हीरो के संघर्ष में उनका समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए बल्कि ख़ुद को एक स्वतन्त्र क्रािन्तकारी सेक्टरगत यूनियन के तले गोलबन्द होने की ज़रूरत है।