Category Archives: गतिविधि रिपोर्ट

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिला मज़दूरों के जारी ऐतिहासिक और जुझारू संघर्ष की रिपोर्ट

हम ‘मज़दूर बिगुल’ के पन्नों पर पढ़ चुके हैं कि किस तरह 31 जनवरी से दिल्ली में आँगनवाड़ी स्त्री कामगारों की 38 दिनों तक चली हड़ताल का दमन करते हुए उपराज्यपाल ने हेस्मा लगाया था और दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 884 लोगों को बदले की भावना से बर्ख़ास्त कर दिया था। हेस्मा व ग़ैर-क़ानूनी बर्ख़ास्तगी के ख़िलाफ़ महिलाकर्मियों ने अपने आन्दोलन को नये स्तर पर जारी रखा हुआ है। इस जुझारु आन्दोलन ने समूची पूँजीवादी व्यवस्था के चरित्र को बेनक़ाब किया है। विधायिका, कार्यपालिका से लेकर न्यायपालिका तक का मज़दूर-विरोधी, स्त्री-विरोधी चरित्र भी महिलाकर्मियों के इस संघर्ष के दौरान खुलकर सामने आया है।

मई दिवस का नारा, सारा संसार हमारा

136वें मज़दूर दिवस के अवसर पर देश की तमाम क्रान्तिकारी ट्रेड यूनियनों व संगठनों द्वारा मई दिवस की विरासत को याद करते हुए तथा बढ़ती महँगाई, बेरोज़गारी, श्रम क़ानूनों पर हमले के ख़िलाफ़ अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार से लेकर देशभर के अन्य इलाक़ों की क्रान्तिकारी यूनियनों और संगठनों ने मिलकर मोदी सरकार द्वारा लगातार श्रम क़ानूनों पर किये जाने वाले हमलों समेत देशभर में बढ़ती महँगाई के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन, गोष्ठी, सभा व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया।

दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों की अनूठी मुहिम : नाक में दम करो अभियान

दिल्ली की सैंकड़ो महिलाकर्मी 16 मार्च से तकरीबन रोज़ ही दिल्ली के अलग-अलग इलाक़ों में एक अनूठा अभियान चला रही हैं। इस अभियान का नाम है ‘नाक में दम करो’ अभियान। इस अभियान के ज़रिए आँगनवाड़ीकर्मी विशेष तौर पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करती हैं। ज्ञात हो कि दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों की 31 जनवरी से 38 दिनों तक चली ऐतिहासिक हड़ताल पर ‘आप’ और भाजपा ने मिलीभगत से हेस्मा (हरियाणा एसेंशियल सर्विसेज़ एक्ट) थोप दिया था। इसके बाद आँगनवाड़ीकर्मियों की यूनियन ने हेस्मा के ख़िलाफ़ न्यायालय में केस किया और हड़ताल को न्यायालय के फ़ैसले तक स्थगित किया और स्पष्ट किया कि अगर न्यायालय इस काले क़ानून को रद्द नहीं करती तो दिल्ली की 22000 आँगनवाड़ीकर्मी हेस्मा की परवाह किये बिना दुबारा हड़ताल पर जायेंगी।

दिल्ली की 22,000 आँगनवाड़ी कर्मियों की ऐतिहासिक हड़ताल

दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स यूनियन के नेतृत्व में दिल्ली की 22000 आँगनवाड़ीकर्मियों की लड़ाई पिछले 38 दिनों से जारी थी। हड़ताल दिनों-दिन मज़बूत होती देख बौखलाहट में आम आदमी पार्टी व भाजपा ने आपसी सहमति बनाकर उपराज्यपाल के ज़रिए इस अद्वितीय और ऐतिहासिक हड़ताल पर हरियाणा एसेंशियल सर्विसेज़ मेण्टेनेंस एक्ट के ज़रिए छह महीने की रोक लगा दी है।

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी 31 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर!

दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मी अपनी जायज़ माँगों को लेकर लगातार संघर्षरत हैं। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन हज़ारों की संख्या में आँगनवाड़ी स्त्री कामगार केजरीवाल आवास के बाहर अपनी माँगें उठा रही हैं।
मालूम हो कि केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा अपने माँगपत्रक पर कोई ठोस कार्रवाई न होने की सूरत में 22,000 वर्कर्स और हेल्पर्स 31 जनवरी से दिल्ली की आँगनवाड़ी केन्द्रों का काम ठप्प कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

चण्डीगढ़ में मज़दूरों के बीच सघन प्रचार अभियान

पिछले 7 से 11 नवम्बर के दरमियान चण्डीगढ़ में मज़दूरों के विभिन्न रिहायशी इलाक़ों में ‘मज़दूर बिगुल’ का प्रचार अभियान चलाया गया। इस दौरान रिहायशी इलाक़ों और चण्डीगढ़ के मज़दूरों की कार्यस्थितियों की जाँच पड़ताल भी की गयी। प्रचार टीम ने नुक्कड़ सभाओं, लेबर चौक पर सभा, रास्तों पर हाँक लगाकर तथा व्यक्तिगत बातचीत के माध्यम से मज़दूर साथियों को अख़बार से परिचित कराया। मज़दूरों ने बिगुल अख़बार के प्रति ख़ासी दिलचस्पी दिखायी। इन 4-5 दिनों के दौरान ही सैकड़ों अख़बारों का वितरण किया गया।

बिहार के पंचायत चुनाव में ‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ की भागीदारी

कोरोना महामारी के दौरान लगाये गये लॉकडाउन के कारण बिहार पंचायत चुनाव विलम्ब से करवाये गये। यह चुनाव कुल 11 चरणों में हो रहे हैं, इनमें कुछ चरण सम्पन्न हो चुके हैं, बचे हुए शेष चरण जारी हैं। बिहार पंचायत चुनाव अधिनियम 2006 के अनुसार दलगत आधार पर चुनाव नहीं होते। इसलिए बिहार पंचायत चुनाव में ‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ की खुले रूप में भागीदारी नहीं थी बल्कि ‘भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी’ के सदस्य ने इस चुनाव में अपनी व्यक्तिगत पहचान के तहत भागीदारी की।

आँगनवाड़ीकर्मियों ने चेतावनी प्रदर्शन के ज़रिए दी दिल्ली के दिल में दस्तक!

7 सितम्बर को दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने दिल्ली सचिवालय पर चेतावनी प्रदर्शन का आयोजन किया। यह चेतावनी प्रदर्शन ‘दिल्ली स्टेट आँगनवाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्‍पर्स यूनियन’ के बैनर तले आयोजित किया गया था। इस चेतावनी प्रदर्शन में हज़ारों-हज़ार की संख्या में यूनियन से जुड़ी कार्यकर्ताओं (वर्कर) और सहायिकाओं (हेल्पर) ने गर्मजोशी के साथ भागीदारी की। इस चेतावनी प्रदर्शन को ‘बिगुल मज़दूर दस्ता’ ने न केवल पुरज़ोर समर्थन दिया बल्कि इसमें शिरकत भी की। साथ ही, भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी ने भी इस प्रदर्शन में भागीदारी की और इसे अपना पूर्ण समर्थन दिया।

‘वादा ना तोड़ो अभियान’ के तहत पटना में हुआ ‘रोज़गार अधिकार महाजुटान’

इस बार के बिहार विधान सभा चुनाव में रोज़गार एक मुख्य मुद्दा बनकर उभरा था और हर पार्टी द्वारा रोज़गार के मुद्दे पर बड़े-बड़े चुनावी वादे किये गये थे। उनमें से नीतीश की गठबन्धन सरकार ने 19 लाख रोज़गार का वादा किया था। इसी के मद्देनज़र बिहार में ‘वादा न तोड़ो अभियान’ की शुरुआत की गयी जिसमें कि सरकार से यह माँग की गयी कि वह 19 लाख रोज़गार कैसे देगी इसकी रूप रेखा जनता के सामने प्रस्तुत करे। इसके अलावा इस अभियान में राज्य स्तर पर भगतसिंह रोज़गार गारण्टी क़ानून बनाने की माँग उठायी गयी व और भी अन्य माँगें शामिल की गयीं।

प्रथम स्त्री शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस पर जातितोड़क भोजों का आयोजन

जाति व्यवस्था को इतिहास में हर शासक वर्ग ने अपने तरीक से इस्तेमाल करने का काम किया है। मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था ने भी जाति प्रथा को अपने ढाँचे के साथ सहयोजित कर लिया है। पूँजीवादी चुनावी राजनीति भी जाति व्यवस्था के पूरे ढाँचे को बना कर रखने का काम करती रही है और यह मौजूदा पूँजीवादी जाति व्यवस्था मेहनतकश वर्ग की क्रान्तिकारी लामबन्दी को कमजोर करने का काम करती है। आज निरन्तर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की ज़रूरत है जो जाति व्यवस्था को तोड़कर मेहनतकश जनता की क्रान्तिकारी लामबन्दी कायम कर सकें। इसी के तहत नौजवान भारत सभा द्वारा सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस पर जगह-जगह जाति तोड़क भोज, चर्चा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।