जीएसटी : कॉरपोरेट पे करम, जनता पे सितम का एक और औज़ार
इस समाज में कोई भी नीति ऐसी नहीं हो सकती जो सब वर्गों के लिए समान हितकारी हो और हर नीति का विश्लेषण इस आधार पर होना चाहिए कि इसका फ़ायदा किस तबक़े को होगा, नुक़सान किस तबक़े को। ऐसे वर्ग विभाजित, ग़ैर-बराबरी और शोषण पर आधारित समाज में प्रत्येक नीति का विभिन्न वर्गों की जि़न्दगी पर असर समझे बग़ैर की गयी कोई भी चर्चा निरर्थक या गुमराह करने वाली है। इस दृष्टिकोण से इसके कुछ अहम बिन्दुओं की चर्चा ज़रूरी है।