देशी-विदेशी बड़ी पूँजी का बेरोकटोक राज! इसी संघी एजेण्डा को पूरा करने में जुटी मोदी सरकार!!
देश के आर्थिक हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। जीडीपी की वृद्धि दर धीमी पड़ रही है, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट जारी है, खेती का संकट गम्भीर होता जा रहा है, संकट और घोटालों से वित्तीय संस्थाएँ चरमरा रही हैं, बेरोज़गारी विकराल रूप में आ चुकी है, देश की एक बड़ी आबादी खाने-पीने की बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं कर पा रही है।