जंग आख़िर जनता ही जीतेगी…
अफगानिस्तान में जिस आतंकवाद के खिलाफ जंग के नाम पर अफगान जनता का क़त्लेआम किया जा रहा है उस आतंकवाद का जन्मदाता खुद अमेरिका है। सन् 1979 में अमेरिका के साम्राज्यवादी प्रतिद्वन्दी सोवियत संघ द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया गया। अपने इस प्रतिद्वन्द्वी को हराने के लिए अमेरिका ने तीन अरब डालर से भी अधिक की वित्तीय और हथियारों की मदद कट्टरपन्थी इस्लामी गुटों को दी। ओसामा बिन लादेन ने भी अमेरिकी शासकों की मदद से ही आतंकवादी गतिविधियाँ शुरू की थीं। इसलिए अमेरिकी शासकों का यह प्रचार कि अफगानिस्तान जंग आतंकवाद के खिलाफ और शांति के लिए लिए लड़ी जा रही है एक सफेद झूठ है। अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करके अमेरिका दक्षिण एशिया में अपनी सैनिक चौकी स्थापित करना चाहता था। कास्पियन सागर में मिलने वाले तेल पर भी उसकी निगाहें लगी थीं।