पेशागत बीमारियों और इलाज में उपेक्षा की दोहरी मार झेलती हैं स्त्री मज़दूर
आज देश भर में करोड़ों स्त्रियाँ हर तरह के उद्योगों में काम कर रही हैं। पूरे सामाजिक और पारिवारिक ढाँचे की ही तरह उद्योगों में भी स्त्री मज़दूर सबसे निचले पायदान पर हैं। सबसे कम मज़दूरी पर बेहद कठिन, नीरस, कमरतोड़ और थकाऊ काम उनके ज़िम्मे आते हैं। इसके साथ ही, काम की परिस्थितियों के चलते स्त्री मज़दूर तमाम तरह की पेशागत बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं की शिकार हो रही हैं। किसी भी मज़दूर बस्ती में कुछ मज़दूरों के घरों में जाने पर इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है। और कई सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं की रिपोर्टें इस सच्चाई को आँकड़ों के साथ बयान करती हैं।