(मज़दूर बिगुल के अप्रैल 2022 अंक में प्रकाशित लेख। अंक की पीडीएफ़ फ़ाइल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें और अलग-अलग लेखों-ख़बरों आदि को यूनिकोड फ़ॉर्मेट में पढ़ने के लिए उनके शीर्षक पर क्लिक करें)

सम्पादकीय

मज़दूर और मेहनतकश दोस्तो! फ़ासिस्ट मोदी सरकार की साज़िश से सावधान!

अन्तर्राष्ट्रीय

श्रीलंका और पाकिस्तान में नवउदारवादी पूँजीवादी आपदा का क़हर झेलती आम मेहनतकश आबादी / आनन्द

संघर्षों के बीच

आँगनवाड़ी स्त्री कामगारों के संघर्ष ने तमाम पूँजीवादी पार्टियों के मज़दूर-मेहनतकश विरोधी चेहरे को बेपर्द किया! / प्रियम्वदा
दिल्ली की आँगनवाड़ीकर्मियों की अनूठी मुहिम : नाक में दम करो अभियान / वृशाली

समसामयिक

भगतसिंह की विरासत को विकृत कर हड़पने की घटिया कोशिश में लगी ‘आप’ / भारत
करौली में साम्प्रदायिक हिंसा आरएसएस-भाजपा की सुनियोजित साज़िश / रवि
सवर्णवादी वर्चस्ववाद और गुण्डागर्दी का फिर शिकार हुआ एक दलित युवक / आशीष
भारतीय राज्यसत्ता द्वारा उत्तर-पूर्व में आफ़्स्पा वाले क्षेत्रों को कम करने के मायने / अविनाश

औद्योगिक दुर्घटनाएँ

हैदराबाद में कबाड़ गोदाम में लगी आग में झुलसकर 11 मज़दूरों की मौत, एक की हालत गम्भीर / आनन्द

शिक्षा व रोज़गार

उपराष्ट्रपति महोदय, हम बताते हैं कि “शिक्षा के भगवाकरण में ग़लत क्या है”! / लता
हरियाणा में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल का मतलब शिक्षा का और बाज़ारीकरण / आशु

कला-साहित्य

जिम्बाब्वे के प्रमुख कवि चेन्जेराई होव की चार कविताएँ
बेर्टोल्ट ब्रेष्ट की तीन कविताएँ

आपस की बात

मोदी और केजरीवाल के सारे दावे हवाई हैं / करन


 

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Lenin 1बुर्जुआ अख़बार पूँजी की विशाल राशियों के दम पर चलते हैं। मज़दूरों के अख़बार ख़ुद मज़दूरों द्वारा इकट्ठा किये गये पैसे से चलते हैं।

मज़दूरों के महान नेता लेनिन

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