Category Archives: संघी ढोल की पोल

मोदी सरकार की अय्याशी और भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान : सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

कोरोना महामारी के इस दौर में जब लोगों की बुनियादी ज़रूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं हैं, स्वास्थ्य सेवाएँ लचर हैं, करोड़ों लोग रोज़गार खो चुके हैं और भारी आबादी दो वक़्त की रोटी के लिए मुहताज है, वहीं ख़ुद को देश का प्रधानसेवक कहने वाले प्रधानमंत्री ने 20 हजार करोड़ रूपये का एक ऐसा प्रोजेक्ट लाँच किया है जिससे जनता को कुछ नहीं मिलने वाला।

कोरोना वैक्सीन के नाम पर जारी है बेशर्म राजनीति

मोदी सरकार देश में हर उपलब्धि का सेहरा ख़ुद के सिर बाँधने और हर विफलता का ठीकरा विपक्षी दलों पर फोड़ने के लिए कुख्यात है। कोरोना महामारी के दौर में भी सरकार का ज़ोर इस महामारी पर क़ाबू पाने की बजाय ख़ुद के लिए वाहवाही लूटने पर रहा है। जिन लोगों की राजनीतिक याददाश्त कमज़ोर नहीं है उन्हें याद होगा कि किस प्रकार सरकार ने इण्डियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के ज़रिये वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों पर दबाव डाला था कि 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जानी चाहिए ताकि प्रधान सेवक महोदय लाल किले से दहाड़कर वैक्सीन की घोषणा कर सकें और ख़ुद की पीठ थपथपा सकें।

“लव जिहाद” का झूठ संघ परिवार के दुष्प्रचार का हथियार है!

देश के पाँच राज्यों में तथाकथित लव जिहाद के विरोध के नाम पर क़ानून बनाने के ऐलान हो चुके हैं। जिन पाँच राज्यों में “लव जिहाद” के नाम पर क़ानून बनाने को लेकर देश की सियासत गरमायी हुई है वे हैं: उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, असम और कर्नाटक। कहने की ज़रूरत नहीं है कि उपरोक्त पाँचों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की ख़ुद की या इसके गठबन्धन से बनी सरकारें क़ायम हैं। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार तो नया क़ानून ला भी चुकी है लेकिन इसने बड़े ही शातिराना ढंग से इसका नाम ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध क़ानून – 2020’ रखा है जिसमें लव जिहाद शब्द का कोई ज़िक्र तक नहीं है।

जनता की भुखमरी और बेरोज़गारी के बीच प्रधानमंत्री की अय्याशियाँ

आज देश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट जारी है, वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत नेपाल, म्यामार और श्रीलंका जैसे देशों से भी पीछे जा चुका है, देश में बेरोज़गारी की हालत पिछले 46 सालों में सबसे बुरी है, लोगों के रहे-सहे रोज़गार भी छिन गये हैं, महँगाई आसमान छू रही है, मेहनत-मज़दूरी करने वाले लोग मुश्किल से गुज़ारा कर रहे हैं। मगर ख़ुद को प्रधानसेवक कहने वाले हमारे प्रधानमंत्री महोदय बड़ी ही बेशर्मी के साथ आये दिन ऐय्याशियों के नये-नये कीर्तिमान रच रहे हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना की असलियत : जुमले ले लो, थोक के भाव जुमले…

प्रधानमंत्री आवास योजना के पाँच साल पूरे हो चुके हैं। इस योजना की शुरुआत साल 2015 में की गयी थी और इसके तहत 2022 तक देश में दो करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था। कुछ समय पहले केन्द्रीय वित्त मंत्री ने दावा किया कि इस योजना के तहत 12 लाख नये घर बनेंगे और 18,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन होगा ताकि हाउसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर में तेज़ी आये और लाखों बेरोज़गारों को रोज़गार मिल जाये।

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर फ़ैसला, सभी दंगेबाज़ साम्प्रदायिक फ़ासीवादी हुए बरी

लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अपने फै़सले में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में नामज़द सभी जीवित 32 आरोपियों को दोषमुक्त करके मुक़दमे से बरी कर दिया है। कोर्ट के फ़ैसले के बाद न्यायपसन्द लोगों के ज़ेहन में नये सवाल ये उभर रहे हैं कि यदि यह कुकर्म पूर्वनिर्धारित-पूर्वनियोजित नहीं था तो फिर आडवाणी के नेतृत्व में संघी गिरोह की रथयात्राएँ किस चीज़ के लिए निकाली जा रही थी?

ट्रम्प की भारत यात्रा : “गुजरात मॉडल” की सच्चाई दीवारों के पीछे छिपाये न छिपेगी

पिछली 24-25 फ़रवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान अहमदाबाद में ट्रम्प के रोड शो का आयोजन किया गया। चूँकि इस रोड शो के रास्ते के कुछ हिस्से में ग़रीबों की झोंपड़पट्टियाँ भी आ रही थीं, इसलिए फटाफट 500 मीटर लम्बी दीवार खड़ कर दी गयी ताकि ट्रम्प को “न्यू इण्डिया” का ही दर्शन हो पाये और असली भारत दीवार के पीछे छिप जाये।

ये झूठ है! झूठ है! झूठ है!

22 दिसंबर को नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली के दौरान कहा था: डिटेंशन सेंटर की अफ़वाहें हैं; यह झूठ है, झूठ है, झूठ है। 24 दिसम्बर को अमित शाह ने कहा: डिटेंशन सेंटर सतत प्रक्रिया है, अगर कोई विदेशी नागरिक पकड़ा जाता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखते हैं। शाह ने कहा: 6 साल में एनआरसी पर कोई बात नहीं हुई। लेकिन संसद में और कई चुनावी रैलियों में अमित शाह ने कहा था: ये मानकर चलिए, एनआरसी आने वाला है।

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की देशभक्ति का सच

आरएसएस और उसकी पार्टी, यानी भाजपा, इस समय देशभक्ति के सबसे बड़े ठेकेदार बने हुए हैं। मोदी सरकार की कारगुज़ारियों के ख़ि‍लाफ़ अगर इस

देश का कोई भी नागरिक आवाज़ उठाता है, तो उसे “देशद्रोही” करार दिया जाता है। मगर ख़ुद इनकी देशभक्ति की सच्‍चाई क्‍या है? पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार ने किस तरह से देश की जनता के ख़ि‍लाफ़ काम किया है, और किस तरह से मुटद्यठीभर देशी-विदेशी पूँजीपतियों के हाथों इस देश की सम्‍पदा को बेचा है, उसकी बात तो हम करते ही रहे हैं।

सियाचिन में खड़े जवान भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बटोरने का साधन हैं!

भाजपा समर्थक बात-बात पर सेना के जवानों की दुहाई देते हैं। नरेन्द्र मोदी पुलवामा के शहीद जवानों के नाम पर वोट माँगने में भी नहीं शर्माते। मगर इन्हीं जवानों की हालत क्या है? भारत के नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (सीएजी) की संसद में पेश रिपोर्ट के मुताबिक सियाचिन, लद्दाख, डोकलाम जैसे ऊँचे क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को ज़रूरत के अनुसार कैलोरी वाला भोजन नहीं मिल रहा। उन्हें वहाँ के मौसम से निपटने के लिए जिस तरह के ख़ास कपड़ों की ज़रूरत होती है उसकी ख़रीद में भी काफी देरी हुई।