जहाँगीरपुरी में हिंसा और मेहनतकशों के घरों पर सरकारी बुलडोज़र फ़ासिस्ट भाजपा सरकार द्वारा देशभर में जारी साम्प्रदायिक षड्यंत्र की एक और कड़ी है
देशभर में बीते दिनों एक सुविचारित फ़ासीवादी मॉडल के तहत संघी धार्मिक उन्माद फैलाने के काम में जुटे हुए हैं। एक तरफ़ जब महँगाई आसमान छू रही है, बेरोज़गारी चरम पर है, जनता के ऊपर दुख तकलीफ़ों का पहाड़ टूटा हुआ है, तभी लोगों को बाँटने के लिए एक मुहिम के तहत निरन्तर संघी फ़ासीवादी गतिविधि जारी है। पिछले दिनों विक्रम संवत् नववर्ष, रामनवमी से लेकर हनुमान जयन्ती के मौक़े को दंगा भड़काने के मौक़े के तौर पर भुनाया गया। यह मोदी के “अवसर को आपदा में बदलने” की तरकीब का एक हिस्सा है।