अर्जेण्टीना में गम्भीर आर्थिक संकट – वर्ग संघर्ष तेज़ हुआ
पूँजीवादी व्यवस्था के विश्व स्तर पर छाये आर्थिक संकट के बादल अर्जेण्टीना में ज़ोरों से बरस रहे हैं। मुनाफ़े की दर बेहद गिर चुकी है। माँग में ज़ोरदार गिरावट आयी है व औद्योगिक उत्पादन भी गिर चुका है। आयात के मुकाबले निर्यात काफ़ी गिर चुका है। बेरोज़गारी की दर 9 प्रतिशत पार कर चुकी है। महँगाई दर 40 प्रतिशत को पार कर रही है। अर्जेण्टीना के केन्द्रीय बैंक को ब्याज़ दरें बढ़ाकर 40 प्रतिशत करनी पड़ी हैं, फिर भी महँगाई को लगाम नहीं लग रही, बल्कि इससे संकट और भी गहराता जा रहा है। सरकार का बजट घाटा आसमान छू रहा है यानी सरकार के ख़र्चे आमदनी से कहीं अधिक बढ़ चुके हैं। इसका कारण यह नहीं है कि सरकार जनता को हद से अधिक सहूलतें दे रही है (जिस तरह कि अर्जेण्टीना का पूँजीपति वर्ग व साम्राज्यवादी प्रचारित करते हैं) बल्कि इसका कारण पूँजीपतियों दी जा रही छूटें, सहूलतें हैं।