सरकारी उपक्रमों को कौड़ियों के मोल पूँजीपतियों को बेचने की अन्धाधुन्ध मुहिम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2021-22 के बजट में सार्वजनिक संसाधनों की अन्धाधुन्ध नीलामी की योजना पेश की है। महँगाई और बेरोज़गारी से त्रस्त आम जनता को राहत देने के लिए बजट में कुछ भी ठोस नहीं है। बदहाल अर्थव्यवस्था और ऊपर से कोरोना की मार झेल रही जनता को राहत देने वाली कुछ बची-खुची सरकारी योजनाओं के लिए बजट बढ़ाने के बजाय इनके लिए आवंटित राशि में पिछले वर्ष की तुलना में भारी कटौती की गयी है।