Category Archives: आर्काइव

अक्‍टूबर-दिसम्‍बर 2017

  • गुजरात चुनाव और उसके बाद – फासीवाद से निजात पाने के आसान रास्तों का भ्रम छोड़ें और ‍भरपूर ताक़त के साथ असली लड़ाई की तैयारी में जुटें
  • गौरक्षा का गोरखधन्धा – फ़ासीवाद का असली चेहरा
  • 70 साल की आज़ादी का हासिल : भूख और कुपोषण के क्षेत्र में महाशक्ति
  • उन्मुक्त स्त्री / रामवृक्ष बेनीपुरी
  • मौजूदा दौर के किसान आन्दोलनों की प्रमुख माँगें बनाम छोटे किसानों, मज़दूरों और सर्वहारा वर्ग के साझा हित
  • वाम गठबंधन की भारी जीत के बाद : नेपाल किस ओर?
  • अक्टूबर क्रान्ति के नये संस्करणों की रचना के लिए – सजेंगे फिर नये लश्कर! मचेगा रण महाभीषण!
  • ‘‘अब हम समाजवादी व्यवस्था का निर्माण शुरू करेंगे!’’ : जॉन रीड
  • ”यह सबकुछ जनता की सम्पत्ति है!” : अल्बर्ट रीस विलियम्स
  • हथौड़े की मार : राहुल सांकृत्यायन (‘सोवियत भूमि’ पुस्तक का अंश)
  • “मैं आश्चर्य से भर जाता हूँ”: रवीन्द्रनाथ टैगोर
  • सितम्‍बर 2017

  • जनता में बढ़ते असन्तोष से घबराये भगवा सत्ताधारी
  • जीडीपी की विकास दर में गिरावट और अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत
  • मौजूदा दौर के किसान आन्दोलन और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का सवाल
  • बुलेट ट्रेन के लिए क़र्ज़ देने वाले जापान के भारत प्रेम की हक़ीक़त क्या है?
  • राष्ट्रीय परीक्षा एनईईटी की वेदी पर एक मज़दूर की बेटी की बलि!
  • ‘भारत में आय असमानता, 1922-2014 : ब्रिटिश राज से खरबपति राज?’
  • क्रांतिकारी लोकस्‍वराज्‍य अभियान : भगतसिंह का सपना, आज भी अधूरा, मेहनतकश और नौजवान उसे करेंगे पूरा
  • आइसिन मज़दूरों का बहादुराना संघर्ष और ऑटोमोबाइल सेक्टर के मज़दूरों लिए कुछ ज़रूरी सबक़
    दोस्तो, हम सभी को एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए
  • गौरी लंकेश का आख़िरी सम्पादकीय – फ़र्ज़ी ख़बरों के ज़माने में
  • मई 2017

  • श्रम क़ानूनों में ”सुधार” के नाम पर सौ साल के संघर्षों से हासिल अधिकार छीनने की तैयारी में है सरकार
  • एमसीडी चुनावों में ‘क्रान्तिकारी मज़दूर मोर्चा’ की भागीदारी : एक राजनीतिक समीक्षा व समाहार
  • इलेक्ट्रोनिक व सोशल-मीडिया पर चल रहे कारनामे
  • आइसिन ऑटोमोटिव के मज़दूर कम्पनी प्रबन्धन के शोषण के ख़िलाफ़ संघर्ष की राह पर
  • अर्थव्यवस्था चकाचक है तो लाखों इंजीनियर नौकरी से निकाले क्यों जा रहे हैं?
  • आरएसएस का “गर्भ विज्ञान संस्कार” – जाहिल नस्लवादी मानसिकता का नव-नाज़ी संस्करण
  • बैंक कानून में संशोधन अध्यादेश : हज़ारों करोड़ कर्ज़ लेकर डकार जाने वालों की भरपाई का बोझ उठाने के लिए जनता तैयार रहे
  • मज़दूर संघर्षों के साथी नितिन नहीं रहे… साथी नितिन को अन्तिम लाल सलाम
  • अप्रैल 2017

  • लुटेरों के झूठे मुद्दे बनाम जनता के वास्‍तविक मुद्दे – सोचो, तुम्हें किन सवालों पर लड़ना है
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 और मज़दूर वर्ग पर उसका असर
  • उत्तर प्रदेश – क़र्ज़-माफ़ी के टोटके से खेती-किसानी का संकट नहीं हल हो सकता
  • गौरक्षा के नाम पर मानव हत्याएँ, जनसेवा के नाम पर अडानी-अम्बानी की सेवा – यही है फासीवादी संघी सरकार का असली चेहरा
  • अमेरिका है दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी!
  • क्या रेलवे में दो लाख से ज़्यादा नौकरियाँ कम कर दी गयी हैं…
  • लेनिन – ग़रीबी दूर करने का एक ही रास्ता – समाजवादी व्यवस्था
  • नया वित्त विधेयक : एक ख़तरनाक क़ानून
  • बेरोज़गारी ख़त्म करने के दावों के बीच बढ़ती बेरोज़गारी!