मज़दूर बिगुल – अगस्त 2022
- जनता के जनवादी व नागरिक अधिकारों की हिफ़ाज़त के लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष करना मज़दूर वर्ग के लिए अस्तित्व का प्रश्न है
- द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति; क्या इससे आम मेहनतकश आदिवासियों की जीवन स्थिति में कोई बदलाव आयेगा?
- आज़ादी का (अ)मृत महोत्सव : अडानियों-अम्बानियों की बढ़ती सम्पत्ति, आम जनता की बेहाल स्थिति
- केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी द्वारा अवैध रूप से शराबख़ाना चलाने का मामला
- “राष्ट्रवाद” की ठेकेदार बनी भाजपा और आरएसएस के आतंकवादियों से सम्बन्धों की पड़ताल!
- तिरंगे झण्डे पर राजनीति करने वाले संघ-भाजपा के तिरंगा प्रेम का सच!
- ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ : एक जनविद्रोह जो भारतीय पूँजीपति वर्ग के वर्चस्व से निकलकर क्रान्तिकारी दिशा में जा सकता था
- “सादगीपसन्द” और “परोपकारी” पूँजीपतियों की असलियत
- आटा-चावल, दाल-तेल-सब्ज़ियों की क़ीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी
- रसोई गैस के बढ़ते दाम : आम जनता बेहाल-परेशान!
- कुछ बुनियादी अवधारणाएँ जिन्हें समझना ज़रूरी है – 2
- पार्टी का राजनीतिक प्रचार और जनसमुदाय
- हरियाणा सरकार की चिराग योजना : प्राइवेट शिक्षा माफ़ियाओं को एक और तोहफ़ा
- एक बार फिर विकल्पहीनता की स्थिति से गुज़रती श्रीलंका की जनता
- दिल्ली की आँगनवाड़ी महिला मज़दूरों के जारी ऐतिहासिक और जुझारू संघर्ष की रिपोर्ट