Category Archives: आर्काइव

सितम्‍बर 2013

अगस्‍त 2013

  • एक बार फ़िर देश को दंगों की आग में झोंककर चुनावी जीत की तैयारी
  • आख़िर कब खोलोगे अन्धी आस्था की पट्टी अपनी आँखों से?
  • पेरिस कम्यून: पहले मज़दूर राज की सचित्र कथा (नवीं किश्त)
  • कैसा है यह लोकतंत्र और यह संविधान किसकी सेवा करता है (इक्कीसवीं किश्त)
  • दिल्ली की शाहाबाद डेयरी बस्ती में एक और बच्ची की निर्मम हत्या
  • हमारा प्रचार क्रान्तिकारी है
  • लुधियाना के टेक्सटाइल तथा होजरी मज़दूरों ने ‘मज़दूर पंचायत’ बुलाकर अपनी माँगों पर विचार-विमर्श कर माँगपत्रक तैयार किया
  • फ़ाँसी के तख़्ते से
  • इलाहाबाद में फासिस्टों की गुण्डागर्दी के ख़िलाफ़ छात्र सड़कों पर
  • असली मुद्दा ख़नन की वैधता या अवैधता का नही बल्कि पूँजी द्वारा श्रम और प्रकृति की बेतहाशा लूट का है।